फर्जी मुठभेड़ के दोषी कैप्टन भूपेन्द्र सिंह की उम्रकैद अभी निलंबित पर सेना से बर्खास्त

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बायें से : इम्तियाज़ अहमद , इबरार अहमद और मोहम्मद इबरार
केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू  कश्मीर में तीन साल पहले फर्जी मुठभेड़ में तीन नागरिकों की हत्या के मामले में उम्र कैद की सज़ा पाए भारतीय सेना के एक अधिकारी कैप्टन भूपेन्द्र सिंह को सेना से बर्खास्त कर दिया गया है. इस बीच सशस्त्र बल ट्रिब्यूनल  ने सज़ा का निलंबन और ज़मानत मंज़ूर कर ली है . कैप्टन भूपेन्द्र सिंह को जुलाई 2020 में हुई इस नकली मुठभेड़ के लिए  दोषी ठहराते हुए हाल  ही में उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई थी .

बर्खास्त किये गए कैप्टन भूपेन्द्र सिंह ( captain bhoopendra singh )   को भविष्य में सेना की तरफ से दी जाने वाले कोई भी सुविधा और यहां तक कि पेंशन भी नहीं मिलेगी.  केस के जानकार अधिकारियों के हवाले से यह खबर आई है . सशर्त ज़मानत मंज़ूर करते हुए कहा गया है कि वह अपना पासपोर्ट सरंडर करेंगे और बिना ट्रिब्यूनल के इजाज़त के देश से बाहर नहीं जाएंगे .

कैप्टन भूपेन्द्र सिंह ने 2015 में सेना में कमीशन पाया  थे.  उन्होंने दावा 18 जुलाई 2020 को दक्षिण  कश्मीर के दूर दराज़ के शोपियां में एक पहाड़ी गांव में तीन आतंकवादियों को एक मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था .  लेकिन जब इस मामले पर विवाद हुआ और सेना की तरफ से कोर ऑफ़ इन्क्वायरी हुई तो उससे उनका यह दावा गलत साबित हुआ . मारे गए तीन नागरिक  इम्तियाज़ अहमद , अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार दर असल जम्मू प्रभाग के राजौरी ज़िले के रहने वाले थे. वहां मजदूरी करते थे.

इस मुठभेड़ के बारे में सोशल मीडिया पर जब लिखा गया तब सेना ने कोर्ट ऑफ़ इन्क्वायरी ( court of inquiry) के आदेश दिए थे जिससे  शुरूआती जांच में ही यह साबित हो गया था कि इस मामले में सेना ने सशस्त्र बल ( विशेष शक्तियां ) अधिनियम के तहत मिली शक्ति का गलत इस्तेमाल किया. इसके बाद साक्ष्य जुटाए गए.  यह प्रक्रिया दिसंबर 2020 में पूरी हो गई थी जिसके बाद कैप्टन भूपेन्द्र सिंह का  कोर्ट मार्शल शुरू हु. इस प्रक्रिया के पूरा होने में साल भर से कम का समय लगा और मार्च 2023 में कैप्टन भूपेन्द्र सिंह को उम्र कैद की सज़ा देने की सिफारिश कर दी गई थी जिसकी पुष्टि सेना  के वरिष्ठ अधिकारियों ने करनी थी.

इस केस में , मारे गए तीनों व्यक्तियों के शव कब्र से निकाले गए थे .डीएनए जांच हुई थी जिससे उनकी सही शिनाख्त साबित हुई .