महू में सेना के इन्फेंट्री स्कूल में आया युवा अधिकारी लेफ्टिनेंट मोहित लापता

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मऊ में सेना का इन्फेंट्री स्कूल

भारतीय सेना का एक युवा अधिकारी लेफ्टिनेंट मोहित गुप्ता तीन दिन से लापता है . मोहित गुप्ता ट्रेनिंग के लिए मध्य प्रदेश में मऊ स्थित इन्फेंट्री स्कूल में ट्रेनिंग पर थे. लेफ्टिनेंट मोहित गुप्ता उत्तर प्रदेश के एता ज़िले के रहने वाले हैं. उनको सैन्य नगरी मऊ स्थित सेना परिसर में आखिरी बार शुक्रवार की सुबह देखा गया था.

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से तकरीबन 25 किलोमीटर के फासले पर महू  में सेना का यह अति लोकप्रिय और महत्वपूर्ण परिसर है . यहां सेना के दो बड़े संस्थान आर्मी वार कॉलेज ( army war college ) और इन्फेन्ट्री स्कूल ( infantry school) हैं . भारतीय थल सेना का शायद ही कोई ऐसा अधिकारी होगा जो अपने करियर के दौरान इस प्रतिष्ठित स्थान पर  न आया हो . विभिन प्रकार के सैन्य प्रशिक्षण और सुविधाओं से लैस होने के साथ साथ यहां भविष्य की सेना व रक्षा रणनीति के लिहाज़ से अनुसन्धान भी होते हैं.

पांच दशक से भी ज्यादा पुराना यह अपने आप में एक नगर है. किसी प्रशिक्षणरत अधिकारी को यहां से बाहर तक जाने के लिए संबंधित अधिकारियों से इजाज़त लेनी होती है लेकिन 6 अक्टूबर की सुबह से लेफ्टिनेंट मोहित गुप्ता के बारे में यहां के अफसरों को खबर नहीं है . उनकी गुमशुदगी की इत्तेला महू  थाने  ( mhow police station ) में दर्ज  कराई गई है .

महू थाना, मध्य प्रदेश

लेफ्टिनेंट मोहित गुप्ता ने हाल ही में सेना में कमीशन प्राप्त किया था. वह उस यंग ऑफिसर्स कोर्स ( young officers course ) के लिए महू के इन्फेंट्री स्कूल में आए थे जिसे पूरा करना अनिवार्य होता है . अन्य दिनों की तरह शुक्रवार को भी सुबह 6 बजे उनको पीटी पीरियड के लिए उपस्थित होना था लेकिन लेफ्टिनेंट मोहित  गुप्ता नहीं आए . खोजने पर वह अपने कमरे पर भी नहीं मिले. उनका फोन भी बंद था. लेफ्टिनेंट मोहित के मोटर साइकिल भी वहीँ खडी मिली जहां पर पहले वह पार्क करते थे. तकरीबन डेढ़ घंटे  तक सेना अपने स्तर पर परिसर में  तमाम संभावित स्थानों पर उनकी खोज खबर करती रही लेकिन लेफ्टिनेंट मोहित के गायब होने से संबंधित कोई और जानकारी नहीं मिली.  इसके बाद यह मामला महू थाने की पुलिस के सुपुर्द किया गया.

बेहद संवेदनशील होने के कारण  सेना का यह संस्थान आम आदमी की पहुँच से तो बाहर है ही भीतर रहने वालों के लिए भी नजर बचाकर या चोरी छिपे बाहर आना संभव नहीं है. यूं भी भीतर रहने वालों के लिए वहां वह तमाम साधन मौजूद हैं जिसकी हमें रोजमर्रा की जिंदगी में ज़रुरत होती है. फिर भी यदि वहां ट्रेनिंग आदि के लिए अधिकारियों को बाहर जाना पड़े तो इसके नियम कायदे हैं और कुछ पाबंदियां भी हैं . बाहर जाने के लिए उनको आउट पास भी लेना होता है. लेफ्टिनेंट मोहित ने न तो आउट पास लिया और न ही संबद्ध अधिकारी से  इजाजत ली थी.

पुलिस अधिकारियों के कहना है कि लेफ्टिनेंट मोहित का पता लगाने के लिए उनके नाते रिश्तेदारों और अन्य परिचितों से सम्पर्क साधा जा रहा है. साथ ही उनके संपर्क में फोन पर रहे लोगों का विवरण लेकर , उनसे भी सम्पर्क किया जा रहा है . 

 महू में सेना के इन्फेंट्री स्कूल में आया युवा अधिकारी लेफ्टिनेंट मोहित लापता