भारत में ही बनाया गया हल्का युद्धक हेलिकॉप्टर ‘ प्रचंड’ अब भारतीय वायुसेना के हवाई बेड़े में शामिल हो गया. राजस्थान के जोधपुर में एक रस्मी कार्यक्रम के दौरान ‘प्रचंड’ को सेना का हिस्सा बनाया गया. इस अवसर पर मौजूद भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (light combat helicopter) में उड़ान भरी. प्रचंड का निर्माण अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों में तैनाती के मकसद से किया गया है.’
‘ प्रचंड’ हेलीकॉप्टर का डिजायन और विकास सार्वजनिक उपक्रम हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (hindustan aeronautics limited ) ने किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि ‘प्रचंड’ का भारतीय वायुसेना में आना न सिर्फ वायुसेना की जंगी ताकत बढ़ाने वाला है बल्कि इसका निर्माण रक्षा उत्पाद बनाने के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ाया गया बड़ा कदम है.
जोधपुर के इस कार्यक्रम में भारत के नवनियुक्त चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ (chief of defence staff) जनरल अनिल चौहान, भारतीय वायु सेना (indian air force) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी, दक्षिण -पश्चिम कमान के कमान अधिकारी एयर मार्शल विक्रम सिंह और हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड के चेयरमैन सी बी अनंतकृष्णन समेत रक्षा मंत्रालय के कई अधिकारी व गणमान्य लोग मौजूद थे.
इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की अंदरूनी और सीमा सुरक्षा में भारतीय वायु सेना की निभाई गई भूमिका की तारीफ की. एलसीएच की खूबियों का ज़िक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि ये विभिन्न प्रकार के ऑपरेशनों के लिए आवश्यक स्तरीय ज़रूरतों को पूरा करने वाले मानक पर खरा उतरता है. प्रचंड आधुनिक युद्ध की तमाम ज़रूरतों को पूरा करने वाला हेलिकॉप्टर है. ये अपनी सुरक्षा करने के साथ साथ युद्ध क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के गोला बारूद फौरान पहुंचाने की काबिलियत रखता है. राजनाथ सिंह ने कहा कि आज़ादी मिलने के लम्बे समय बाद भी भारत में ऐसा हेलिकॉप्टर बनाने की नहीं सोची गई जिसका इस्तेमाल हमला करने में किया जा सकता हो. उन्होंने कहा कि 1999 की करगिल जंग के बाद से ही ऐसे हेलिकॉप्टर की ज़रूरत मसूस की जा रही थी और इसे विकसित करने और बनाने के पीछे बीते 20 साल की मेहनत है.
प्रचंड की खूबियों के बारे में एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी का कहना था कि इससे वायुसेना की युद्ध लड़ने की अनूठी क्षमता बढ़ गई है. उन्होंने दावा किया कि विभिन्नता और हमला करने की ताकत के मामले में ये विश्व भर में इस्तेमाल किये जा रहे हेलिकॉप्टरों के बराबर है या उनसे बेहतर है. उन्होंने बताया नवगठित 143 हेलीकॉप्टर यूनिट इस हेलिकॉप्टर का संचालन करेगी उसमें ऊँचे दर्जे के प्रोफेशनल क्षमतावान कार्मिक तैनात किये जा रहे हैं.
एलसीएच ‘प्रचंड’ भारत में बनाया गया ऐसा पहला बहुउद्देशीय युद्ध हेलिकॉप्टर है जिसे एचएएल ने निर्मित किया. ये ज़मीन पर भी और आकाश में भी युद्ध लड़ने की ताकत रखता है और रात में भी हमला कर सकता है.