अशोक चक्र से सम्मानित जम्मू कश्मीर पुलिस के शहीद सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) बाबू राम का बेटा मानिक शर्मा भले ही अभी 18 साल का भी नहीं हुआ लेकिन जल्दी से जल्दी पुलिस बल में भर्ती होना चाहता है. जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले के मेंढर के धारना गांव से मां रीना शर्मा के साथ आया मानिक सेना और पुलिस में भर्ती होकर वर्दी पहनने की परिवार की परम्परा को कायम रखने के लिए लालायित है.
गणतंत्र दिवस 2022 के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली आईं रीना शर्मा और मानिक को वो अशोक चक्र सौंपा जो एएसआई बाबूराम (ASI Baburam) को शहादत के बाद प्रदान किया गया था. जम्मू कश्मीर पुलिस की श्रीनगर स्थित एसओजी (SOG) यूनिट में तैनात एएसआई बाबूराम 29 अगस्त 2020 को पंथा चौक में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए थे. इस मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए थे.
मानिक शर्मा अभी 12 क्लास में पढ़ रहा है. मुमकिन है कि वो जल्द ही जम्मू कश्मीर पुलिस (Jammu Kashmir Police) में पिता का स्थान लेगा. मानिक कहता है कि पुलिस में भर्ती होने के साथ वो पढ़ाई जारी रखेगा और अधिकारी बनने के लिए प्रतियोगी परीक्षा की भी तैयारी करेगा. मानिक न सिर्फ चाचा-ताऊ बल्कि नाना और और मामा को भी सेना, अर्धसैन्य बल या पुलिस की वर्दी में देखकर बड़ा हुआ है. तीन भाई बहनों में सबसे बड़ा मानिक जल्द से जल्द घर की ज़िम्मेदारी भी उठाना चाहता है. उसकी बहन सानवी आठवीं में जबकि छोटा भाई केतन चौथी क्लास में पढ़ते हैं.
शहीद एएसआई बाबू राम की पत्नी रीना शर्मा मानिक और रीना के साथ रक्षक न्यूज़ ने दिल्ली में मुलाक़ात की. रीना बताती हैं कि मानिक भी पिता की तरह ही जुनूनी है. बाबूराम के भी सेना या पुलिस में जाने जा जुनून था जिसके लिए वो लगातार कोशिश करते रहे. कई बार नाकाम होने के बाद भी उन्होंने कोशिश जारी रखीं, भले ही कामयाबी 9 साल बाद मिली. मानिक में भी वैसा ही जज़्बा है. मानिक कबड्डी का खिलाड़ी और राष्ट्रीय जूनियर टीम में खेल चुका है. वो कबड्डी खेलना भी जारी रखना चाहता है. भले ही ग्रेजुएशन में विषयों के चयन को लेकर मानिक के लिए तस्वीर अभी साफ़ नहीं है लेकिन पुलिस की वर्दी धारण करने को लेकर वो एकदम स्पष्ट है.