भारत में बठिंडा स्थित सैन्य अड्डे में हथियार चोरी और उसके बाद चार सैनिकों की हत्या किये जाने के रहस्य से पर्दा उठ गया है. पंजाब पुलिस ने इस मामले में सेना के ही एक जवान को गिरफ्तार किया है. देसाई मोहन नाम का ये सैनिक एक गनर है और इसी सैन्य अड्डे पर उसकी तैनाती थी. मारे गए चार जवानों के नाम सागर बन्ने , योगेश कुमार जे , संतोष एम नगरल और कमलेश आर हैं. इनकी हत्या 12 अप्रैल को एक चुराई गई इन्सास राइफल से की गई थी. पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किये गनर देसाई मोहन ने हत्याओं में शामिल होना कबूल किया है. उसका कहना है कि वे चारों जवान उसका शारीरिक शोषण करते थे. हालांकि सेना ने एक बयान में कहा है कि हत्याएं रंजिश का नतीजा थीं.
गनर देसाई के कबूलनामे के मुताबिक़ 9 अप्रैल की सुबह को उसने इन्सास राइफल और साथ ही उसकी मैगजीन चोरी की थी और फिर छिपाकर रख दी थी. वारदात करने के बाद उसने राइफल सीवर के गड्डे में छिपा दी थी. पुलिस ने इन्सास राइफल और गोलियां के 19 खोल भी मौके से बरामद किये हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट में इस वारदात में आतंकवाद का पेंच खोजा जा रहा था जिसे सेना ने सिरे से खारिज कर दिया. शुरू में गनर देसाई मोहन ने जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों को भ्रम में डालने की कोशिश की थी.
चार जवानों की हत्या के सनसनीखेज़ इस मामले की शुरूआती छानबीन करते समय अधिकारियों को गनर देसाई मोहन ने एक मनगढ़ंत कहानी सुनाई. उसने पुलिस को बताया कि वारदात के वक्त उसने दो अज्ञात व्यक्तियों को बैरकों की तरफ से आते हुए देखा था. उन दोनों ने कुरता पायजामा पहना हुआ था और अपने चेहरे व सिर कपड़े से ढांप रखे थे . उनके हाथ में इन्सास राइफल थी.
बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलनीत सिंह खुराना ने कहा कि वारदात में इस्तेमाल हथियार सेना की राइफल थी इसलिए पहले से ही शक था कि इसमें भीतर के ही किसी आदमी का हाथ है. सेना ने एक बयान में कहा कि गहन पूछताछ के दौरान गनर देसाई मोहन ने इन्सास राइफल चुराने और चार सैनिकों की हत्या करने का अपराध कबूल किया है. ये वारदात आर्टिलरी इकाई में हुई थी. बठिंडा सैन्य अड्डा भारत के बड़े सैन्य ठिकानों में से एक हैं और यहां इस तरह की वारदात होना सच में चिंता का विषय है.