भारतीय नौसेना की ओर से अफ्रीका, यूरोप और रूस में की जाने वाली तैनाती के तहत भारतीय नौसेना का पोत तरकश (INS Tarkash) बुधवार को तीन दिन की यात्रा पर मोजाम्बिक की राजधानी मापुटो पहुंचा. कैप्टन सतीश वासुदेव की कमान में आईएनएस तरकश भारतीय नौसेना का एक सशक्त फ्रंटलाइन बेड़ा है जो हथियारों और सेंसरों की बहु उपयोगी रेंज से लैस है.
आईएनएस तरकश भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का अंग है. ये मुंबई स्थित पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ की ऑपरेशनल कमांड में है.
इस पोर्ट कॉल के दौरान कमांडिंग ऑफिसर मोजाम्बिक रक्षा बलों के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ, मोजाम्बिक की नौसेना के कमांडर समेत मोजाम्बिक सरकार की विभिन्न गण्यमान्य हस्तियों और सरकारी अधिकारियों से शिष्टाचार भेंट करेंगे. भारत और मोजाम्बिक की नौसेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए व्यावसायिक विचार-विमर्श आयोजित किए जाने की योजना है. इसके अलावा दो देशों की नौसेनाओं के बीच सामाजिक संपर्क, खेल आयोजन और बेहतरीन पद्धतियां साझा की जाएंगी. शुक्रवार यानि 27 सितंबर को इस पोत पर आगंतुकों के लिए भी प्रवेश की अनुमति रहेगी.
रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मोजाम्बिक और भारत के बीच परंपरागत रूप से प्रगाढ़ और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध रहे हैं और वे लोकतंत्र, विकास और धर्मनिरपेक्षता के समान मूल्यों को साझा करते हैं. दोनों देशों के बीच में कई क्षेत्रों में नियमित रूप से उच्चस्तरीय आदान-प्रदान और संपर्क होते रहे हैं. नियमित संयुक्त रक्षा कार्यसमूह (जेडीडब्ल्यूजी) बैठकों के जरिये द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ रहा है.
भारतीय नौसेना की पहली प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के पोत सुजाता, शार्दुल, मगर और आईसीजीएस सारथी ने इसी साल मार्च में बीरा में पोर्ट कॉल की थी और चक्रवात ‘इडाई’ के बाद वहां के लोगों को मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) पहुंचाई थी.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘दोस्ती के पुल’ और मित्र देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग मजबूत बनाने के भारतीय नौसेना के मिशन के तहत भारतीय नौसेना के पोत नियमित रूप से विदेशों में तैनात किए जाते रहे हैं.