भारत की नौसेना के प्रमुख एडमिरल सुनील लान्बा ने नौसेना वायु स्टेशन आईएनएस शिबपुर की आईएनएस कोहासा के रूप में शुरुआत की. इसके लिए अंडमान में आयोजित शानदार कार्यक्रम में अंडमान-निकोबार कमान कमांडर इन चीफ वाइस एडमिरल विमल वर्मा के साथ साथ कई गण्यमान्य व्यक्तियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
गुरुवार को इस समारोह के दौरान औपचारिक गॉर्ड प्रस्तुति कमीशनिंग, छोटी पताका फहराना और कमांडिंग अधिकारी, कमांडर कुलदीप त्रिपाठी का जहाज का वारंट पढ़ना शामिल थे. आईएनएस कोहासा को यह नाम सफेद पेट और सीने वाली समुद्री चील (व्हाइट बेलिड सी ईगल) के नाम पर दिया गया है जो अंडमान-निकोबार द्वीप समूह का स्थानीय बड़ा शिकारी पक्षी है.
एनएएस शिबपुर को उत्तरी अंडमान में निगरानी बढ़ाने के लिए एक फारवर्ड ऑपरेटिंग एयरबेस (एफओएबी) के रूप में वर्ष 2001 में स्थापित किया गया था. कोको आईलैंड (म्यांंमार) के नजदीक होने और भारतीय विशिष्ट आर्थिक जोन (ईईजेड) के व्यापक विस्तार के कारण यह एक बहुत महत्वपूर्ण परिसंपत्ति बन जाता है. एयरफील्ड भारतीय वायु सेना और तटरक्षक विमानों के लिए विलगन परिचालन उपलब्ध कराता है. यह वायु स्टेशन शॉर्ट रेंज मेरीटाइम टोही (एसआरएमआर) वायुयान और हेलिकॉप्टर संचालित करता है और अंडमान निकोबार कमान क्षेत्र में ईईजेड निगरानी, एन्टी पोचिंग मिशन खोज व बचाव के अलावा मानवीय सहायता आपदा राहत मिशन संचालित करता है.
मलेशियाई एयरलाइन के दुर्घटना के शिकार हुए विमान (फ्लाइट 370) के तलाशी ऑपरेशंस के दौरान नौसेना और तटरक्षक के डार्नियर डीओ 228 इसी बेस से परिचालित हुए थे. नीति आयोग ने एनएएस शिबपुर की समावेशी द्वीप विकास के एक हिस्से के रूप में एक ‘अर्ली बर्ड’ के रूप में पहचान की थी. इस दिशा में एनएएस शिबपुर को नागरिक उड़ान परिचालन में सहायता देने के लिए यह सभी तरह से तैयार किया गया. इसका रन-वे बढ़ाकर दस हजार फुट करने की भी योजना है ताकि निकट भविष्य़ में यह बड़े आकार के हवाई जहाजों की उड़ानें भी यहाँ से सम्भव हो सकें.