सूडान में युद्ध के हालात लोगों की खूब मदद कर रहे हैं भारतीय शांति सैनिक

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गृह युद्ध में झुलस रहे अफ़्रीकी देश सूडान में भारतीय शान्ति सेना indian peacekeeping force  – IPKF हमेशा की तरह शानदार काम कर रही है. बीते महीने वहां फंसे भारतीयों को तो सुरक्षित निकाला ही , वहां पर स्थानीय लोगों की भी मदद कर रही है . ये वो लोग हैं जो सूडान की सेना और अर्द्ध सैन्य बलों के बीच उस बमबारी और गोलीबारी में फंसे हुए हैं जिसमें सैंकड़ों की मौत हो चूकी है .

भारतीय सेना  ने  आधिकारिक  रूप से  बताया  है कि भारतीय  शान्ति सेना के तौर पर गए सैनिकों ने रेंक क्षेत्र में फंसे  में  60 सूडानी नागरिकों की मदद की है . ये लोग या शरणार्थी थे या लौट रहे थे . इनमें काफी महिलाएं और बच्चे भी थे. भारतीय सैनिकों ने इनकी न  सिर्फ सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की बल्कि इनके रहने और खाने पीने का भी उचित बंदोबस्त  किया . ये वो लोग the जो हिंसा के इस माहौल में खुद को किसी तरह बचाने में कामयाब हुए और अब सुरक्षित ठिकाने की तरफ जाना चाह रहे थे. यहां ताज़ा हिंसा 15 अप्रैल से शुरू हुई . तमाम देशों ने यहां फंसे अपने अपने नागरिक तभी  निकालने शुरू कर दिए थे . साथ ही पड़ोसी मुल्कों ने भी बॉर्डर बंद कर दिए.

रेंक renk इलाका दक्षिण सूडान का पूर्वोतर हिस्सा है जो रिपब्लिक ऑफ़ सूडान के बॉर्डर पर है .

सूडान में युद्ध का इतिहास –
ये युद्ध सेना के कमांडर जनरल अब्देल-फतह बुरहान और आरएसएफ rsf के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान डगलो के बीच हो रहा है. जनरल बुरहान और जनरल डगलो,  दोनों पहले एक साथ ही थे.

सूडान में गृह युद्ध का होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है . यहां इस तरह का माहौल पहले भी बनता रहा है . सूडान पर मिस्र और ब्रिटेन का शासन रहा है . इसे 1952 में जनमत संग्रह के बाद 1956 में आज़ादी मिली थी . इसके साथ ही यहां गृह युद्ध छिड गया जो सन 1972 तक चला .एक अंदाज़ के मुताबिक़ इसमें 5 लाख लोगों की जान गई . 1972 में शांति समझौते के बाद गृह युद्ध थमा .अभी दस साल ही हुए थे कि सूडान सरकार और सूडान पीपल्स लिबरेशन आर्मी के बीच युद्ध छिड़ गया. सूडान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी sudan people’s liberation army दक्षिणी सूडान के लिए और ज्यादा स्वायत्ता की मांग को लेकर लड़ रही थी.  1983 से लेकर 2005 तक यानि 22 साल यहां चली सिविल वार में 20 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे .   यहां गृहयुद्ध का एक लंबा इतिहास रहा है. आखिरी बार जब गृहयुद्ध छिड़ा था तो ये देश दो हिस्सों में बंट गया था . ये थे दक्षिण सूडान और उत्तरी सूडान . दक्षिणी सूडान ईसाई बहुल देश था तो उत्तर सूडान में मुस्लिम आबादी ज्यादा थी. 9 जुलाई 2011 को हुए शान्ति समझौते के बाद दक्षिणी सूडान अफ़्रीकी महाद्वीप का 54 वां देश बना था.