भारत से दागी गई ब्रह्मोस मिसाइल के पाकिस्तान में गिरने के मामले में दोषी पाए जाने पर भारत के रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना (indian air force) के तीन अधिकारियों को सेना से निकाल दिया है. इन अधिकारियों में से एक तो ग्रुप कैप्टन है जबकि बाकी दो में से एक विंग कमांडर व दूसरा स्क्वाड्रन लीडर है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक कोर्ट ऑफ़ इन्क्वायरी में पाया गया कि ब्रह्मोस मिसाइल को दागते वक्त मानक परिचालन प्रक्रिया (standard operation proceedure) नहीं अपनाए जाने के कारण ये हादसा हुआ. इन एसओपी पर अमल कराने की ज़िम्मेदारी सीधे सीधे इन अधिकारियों पर थी.
उल्लेखनीय है कि गत 9 मार्च को भारत की एक मिसाइल पाकिस्तान के मियां चुन्नू शहर के पास जा गिरी थी. हालांकि इससे वहां कोई जानी नुकसान नहीं हुआ था लेकिन भारत की काफी फजीहत हुई थी. तब बताया गया था कि ये मिसाइल के रखरखाव के दौरान तकनीकी खामी के कारण हुआ एक हादसा है. टाइम्स ऑफ़ इंडिया के समाचार के मुताबिक़ दागे जाने के 7 मिनट के बाद ये मिसाइल 124 किलोमीटर पाकिस्तान के भीतर जा गिरी थी. कोर्ट ऑफ़ इन्क्वायरी के नतीजों के मुताबिक़ ये मिसफायर (misfire) का मामला था जो तय तौर तरीके न अपनाए जाने के कारण हुआ. इसके लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों के बारे में भी जब छानबीन में स्पष्ट हुआ तो उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए.
भारत ने रूस के साथ मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल बनाई है. दो दशकों के इस कार्यक्रम के बीच इस मिसाइल के विभिन्न संस्करण तैयार किये गए हैं. थल सेना के अलावा ब्रह्मोस मिसाइल (brahmos missile) वायु सेना के पास भी है.