भारतीय सेना ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान की तरफ से प्रायोजित भ्रामक प्रचार के जरिये भारतीय थल सेना में धर्म के नाम पर सैनिकों को बांटने की कुचेष्टा की जा रही है. ये प्रचार खास तौर से सेना के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल तरनजीत के सन्दर्भ में किया जा रहा है जो सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) में तैनात हैं.
भारतीय सेना की तरफ से जारी किये गए बयान में कहा गया है कि भारत में धर्म को आधार बनाकर नफरत फैलाने में नाकाम रहा पाकिस्तान आपा खो चुका है और अब भारतीय सेना को बांटने की फिराक में ऐसी हरकतें कर रहा है.
लेफ्टिनेंट जनरल तरनजीत सिंह सेना की एकीकृत कमान के उप प्रमुख हैं. उनके बारे में ट्विटर पर इस तरह की पोस्ट की भरमार है जिनमें दावा किया गया है कि भारत के चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ बिपिन रावत के आदेश पर लेफ्टिनेंट जनरल तरनजीत सिंह को हिरासत में ले लिया गया था क्यूंकि उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ बोला था. लेफ्टिनेंट जनरल तरनजीत सिंह ने पिछले साल ही अक्टूबर में एकीकृत कमान में उप प्रमुख (परिचालन) का ओहदा संभाला था. जनरल तरनजीत सिंह विशेष बल, अंतरिक्ष और साइबर एजेंसियों के प्रभारी भी हैं. इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल तरनजीत सिंह प्रथम कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग भी थे.
सेना की तरफ से गुरुवार को जारी बयान में कहा गया है कि वह संस्थान को बदनाम करने की किसी भी नापाक कोशिश को ख़ारिज करती है. बयान में कहा गया है,” भारतीय थल सेना एक धर्मनिरपेक्ष संगठन है और इसके सभी अधिकारी गर्व के साथ राष्ट्र की सेवा के प्रति समर्पित हैं चाहे वो किसी भी धर्म, जाति, नस्ल या लिंग के हों.