पाकिस्तान के साथ कश्मीर में जंग के दौरान शूरवीरता दिखाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल मन मोहन खन्ना ( Lt. Gen. Man Mohan Khanna) को मिला प्रतिष्ठित सम्मान महावीर चक्र दिल्ली में चोरी हो गया. लेफ्टिनेंट जनरल को महावीर चक्र , भारत की आजादी के बाद पाकिस्तान से लड़ी गई अब तक की 4 जंग में से 1947 – 48 में लड़ी गई पहली जंग में , तब मिला था जब उन्होंने दुश्मन से लड़ते हुये सीने पर गोलियां खाई थीं. ये मेडल उस सामान में शामिल है जो सामान सेंधमार दक्षिण दिल्ली में उनकी बेटी के घर से हाल ही में चुरा कर ले गये.
लेफ्टिनेंट जनरल मन मोहन खन्ना अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी बेशकीमती यादों के साथ उनके फ़ौज में सेवा के समय का सामान इस परिवार के लिए बड़ी अहम धरोहर है और खास तौर से महावीर चक्र जो न सिर्फ बहुत ही बड़ा सम्मान है बल्कि किसी भी सैनिक और उसके परिवार के लिए फख्र और प्रेरणा स्त्रोत है. भारत में शूरवीरता के लिए किसी सैनिक को दिए जाने वाले सम्मान में से महावीर चक्र की गिनती दूसरे सबसे बड़े गैलेंटरी मेडल के तौर पर की जाती है.
लेफ्टिनेंट जनरल मन मोहन खन्ना को शूरवीरता के लिए ये महावीर चक्र तब मिला था जब भारतीय सेना की कुमाऊं रेजीमेंट की 4 बटालियन में लेफ्टिनेंट कर्नल थे. ये भारत को अंग्रेज़ी शासन से ताज़ा ताज़ा मिली आज़ादी के बाद की बात है. उस वक्त लेफ्टिनेंट कर्नल मन मोहन खन्ना की तैनाती जम्मू कश्मीर में थी. यहाँ उड़ी सेक्टर में पंडू में उनके सैनिकों और पाकिस्तान के (दुश्मन ) सैनिकों से उनका मुकाबला चल रहा था. आमने सामने की लड़ाई थी लेकिन इसी बीच दुश्मन सैनिकों ने लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन खन्ना पर घात लगाकर हमला कर डाला . उन पर मशीन गन से गोलियों की बौछार की गई . इस हमले में लेफ्टिनेंट कर्नल मन मोहन बुरी तरह घायल हो गये थे.
पाकिस्तान के साथ इस जंग से पहले ही उन्होंने विभिन्न युद्धों में हिस्सा लिया था. लेफ्टिनेंट कर्नल को प्रदान किये गए महावीर चक्र सम्मान के दौरान की साइटेशन में इस बहादुरी का ज़िक्र तो है ही साथ ही उनका रिकॉर्ड बताता है कि उन्होंने 1942 में सिंगापूर , 1943 में सीलोन (ceylon ) 1944 में मध्य पूर्व (कुवैत ) और जम्मू कश्मीर में महुरा , कोपरा और गोषर की लड़ाई में भी हिस्सा लिया. उनको ये मेडल 1948 में प्रदान किया गया था.
दरअसल , महावीर चक्र और अन्य सामान की चोरी दिल्ली के पॉश इलाके डिफेन्स कॉलोनी के उस मकान से हुई जिसमें उनकी बेटी विनीता सिंह और दामाद अर्जुन सिंह का परिवार रहता है. अर्जुन सिंह भी भारतीय सेना के रिटायर्ड ब्रिगेडियर हैं. उनके बच्चे विदेश में रहते हैं और उनकी संपत्ति उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में है. तकरीबन 2 महीने पहले वे देहरादून गये थे. घर बंद था लेकिन इलाके में सिक्यूरिटी गार्ड रहता है. वहां अलग अलग जगह पर सीसीटीवी कैमरा भी लगे है. चोरी की ये वारदात 23 जुलाई को हुई लेकिन परिवार को इसका पता अपने रिश्तेदारों से 27 जुलाई को लगा. इसके बाद पति पत्नी विनीता व ब्रिगेडियर अर्जुन सिंह दिल्ली आये तो पता चला कि चोरी हुए सामान में महावीर चक्र भी था. उनके घर में घुसे सेंधमार शातिर थे . उन्होंने चोरी करने से पहले सभी सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए लेकिन ऐसा एक कैमरा वो बंद नहीं कर पाए . इसमें उनकी हरकतें और तस्वीर रेकॉर्ड हो गई.
इस वारदात की एफ आई आर दक्षिण दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी थाने में दर्ज की गई है. पुलिस सीसीटीवी से मिली फुटेज और अन्य जानकारियों के आधार पर इस शातिर चोरों का सुराग लगाने की कोशिश में जुटी है.