एक तरफ भारतीय सेना, पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान जम्मू कश्मीर को आतंकवाद के साये से छुटकारा दिलाने के लिये जान की बाज़ी तक लगा रहे हैं वहीं यहाँ की युवा पीढ़ी के लिए ये एक तरह से गाइड का काम भी कर रहे हैं. छात्र छात्राओं को पढ़ाई से लेकर खेल तक के मैदान में भारतीय सुरक्षा बलों के जवान इस पीढ़ी को मदद कर रहे हैं ताकि न सिर्फ इनके भटकाव की आशंका वाले हालात को बदला जा सके बल्कि इनकी प्रतिभा को निखार इन्हें ऐसी पहचान भी मिले जो इन्हें एक अच्छा नागरिक बनने में सहायता करे.
कश्मीर के दूरदराज़ के इलाकों में इस तरह की गतिविधियाँ संचालित करने वाली भारतीय थल सेना ने विभिन्न आयु वर्ग के छात्र छात्राओं के लिए मार्शल आर्ट कैम्प भी आयोजित किये हैं जहां सेना के तरफ से कोचिंग दी जाती है.
दिलचस्प है कि दूर -दरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भी लड़कों के साथ लड़कियाँ मार्शल आर्ट सीख रही हैं. हाल ही में बांदीपुरा में लगाये गये ऐसे ही कोचिंग शिविर की तस्वीरें यहाँ साझा की जा रही हैं. इस तरह के आयोजन न सिर्फ युवा ऊर्जा को सही दिशा में इस्तेमाल करने का एक खूबसूरत तरीका है बल्कि लड़को और लड़कियों में आत्म विश्वास और आपसी मेलजोल भी बढ़ाता है. शारीरिक बल बढ़ाने के महत्त्व के साथ ये एक तरह से सामाजिक समझ बढ़ाने का भी अच्छा ज़रिया है.