पठानकोट में रणजीत सागर बांध के जलाशय में क्रैश होकर डूबे भारतीय थल सेना के ध्रुव हेलीकॉप्टर में सवार अधिकारियों का आज दूसरे दिन भी सुराग नहीं मिल सका. एनडीआरएफ और अन्य विभागों के गोताखोर हादसे के बाद से कल और आज लगातार हेलीकॉप्टर के पायलट और को पायलट की खोज खबर में जुटे रहे. अब इस काम के लिए नौसेना के गोताखोरों की टीम यहां पहुंची है जो असल में बृहस्पतिवार के सुबह तलाशी अभियान शुरू करेगी.
सेना और स्थानीय प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि काफी नीचे उड़ान भर रहा ये हल्का हेलिकॉप्टर (ALH ) जिस जगह क्रैश हुआ वहां पर पानी की गहराई 250 फुट तक है लेकिन गोताखोर 50 फुट से ज्यादा गहराई वाले क्षेत्र में तलाश नहीं कर पा रहे थे. ऐसे में नौसेना के गोताखोरों को बुलवाया गया है.
उल्लेखनीय है कि कल सुबह तकरीबन 10 .30 बजे रणजीत सागर डैम और उसके आसपास के जंगल वाले इलाकों में निगरानी कर रहा थल सेना का ये ध्रुव हेलीकाप्टर काफी नीचे उड़ान भरते समय हादसे का शिकार हुआ था. भारत में बने दो सीट वाले इस एडवांस लाइट हेलीकाप्टर को लेफ्टिनेंट कर्नल और कैप्टन रैंक के दो पायलट उड़ा रहे थे.
इसी क्षेत्र में ध्रुव हेलीकॉप्टर के क्रैश होने की इस साल में ये दूसरी दुर्घटना है. इससे पहले 26 जनवरी को पठानकोट से कठुआ लौटते हुए ध्रुव हेलीकाप्टर को उड़ा रहे पायलट क्रैश लैंडिंग करने की लिए मजबूर हुए थे. लखनपुर इलाके में इस हादसे में घायल हुए दो पायलटों में से एक ने प्राण त्याग दिए थे.