भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सीमान्त पहाड़ी क्षेत्र लेह पहुंचने पर पूर्व सैनिकों से मिले. उन्होंने माना कि सेना में सेवा करने के बाद पूर्व सैनिकों के लिए पुनर्वास की समस्या भी बनी रहती है. इसके लिए पुनर्वास महानिदेशालय समय-समय पर रोजगार मेलों का भी आयोजन करता है जिसमें बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों को रोजगार दिया जाता है. राजनाथ सिंह ने हम इस काम में और तेजी लाने की कोशिश करने का वादा भी किया.
तीन दिन के दौरे पर रविवार को लेह पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व सैनिकों और जवानों से संबोधन में कहा कि हमारा मकसद है कि आप सभी का उसी तरह ख्याल रखा जाए, जिस तरह आप सबने देश की सुरक्षा का ध्यान रखा. फिर भी आप लोगों को कहीं कोई दिक्कत है, तो उसके लिए हेल्पलाइन का भी बंदोबस्त किया गया है. पूर्व सैनिक उस पर कॉल करके अपनी परेशानी साझा कर सकते हैं.
राजनाथ सिंह ने पूर्व सैनिकों को ये अहसास दिलाने की पूरी कोशिश की कि सरकार उनके साथ है और लगातार उनके बारे में सोचती और काम करती है. ‘एक रैंक एक पेंशन’ योजना लागू किये जाने का ज़िक्र करते हुए उन्होंने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को इसका पूरा श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि ये मामला 30-40 साल से लटका हुआ था.
पूर्व सैनिकों से मुलाक़ात के बाद रक्षा मंत्री ने इस बारे में ट्वीट करते हुए कहा कि पूर्व सैनिकों से शानदार बातचीत हुई. इससे पहले दिल्ली से लेह रवाना होने से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट संदेश में यात्रा का ब्यौरा देते हुए बताया था कि इस दौरे के दौरान वे सीमा सड़क संगठन (बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन-बीआरओ) की बनाई परियोजनाओं को देखेंगे और उनके विभिन्न उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे. इस दौरान वे अधिकारियों और जवानों से भी मिलेंगे.