भारतीय वायुसेना चीन से निपटने के लिए आंध्र में रणनीतिक अड्डा बनाएगी

539
भारतीय वायुसेना
चीन बार्डर पर भारतीय वायुसेना के एक बेस की फाइल फोटो.

भारतीय वायुसेना आंध्र प्रदेश में अहम रणनीतिक अड्डा बनाएगी. इसमें सबसे पहले प्रकाशम जिले के डोनाकोंडा में एक बड़ा हेलिकॉप्टर प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा. पूर्वी तट क्षेत्र में चीन की लगातार बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए इस कदम को रणनीतिक तौर पर काफी अहम माना जा रहा है. दरअसल, बीजिंग विभिन्न देशों के द्वीपों पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराकर हिंद महासागर पर पकड़ बनाए रखना चाहता है.

खबर के मुताबिक, शीर्ष नौकरशाहों ने आंध्र प्रदेश सरकार के सामने कुछ और योजनाएं भी रखी हैं. इसमें अनंतपुर जिले में ड्रोन बनाने की यूनिट, अमरावती में साइबर सुरक्षा केंद्र की स्थापना की बात की गई है. इसके अलावा साथ ही राजमुंदरी और विजयवाडा हवाई अड्डों से जुड़ी कुछ योजनाएं भी योजना में शामिल हैं. योजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ‘पूर्वी तट के बढ़ते रणनीतिक महत्व एवं चीन के तेजी से बढने के मद्देनजर वायुसेना का इरादा इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का है.

आंध्र सरकार भी वायुसेना की योजना में रुचि दिखा रही है. चंद्रबाबू सरकार 2,700 एकड़ जमीन देने को तैयार है. इसमें द्वितीय विश्व युद्ध के वक्त बनी हवाई पट्टी भी है, जिसका इस्तेमाल हेलिकॉप्टर ट्रेनिंग प्रोग्राम में किया जा सकता है. योजना से जुड़े एक अधिकारी के करीब 300 एकड़ जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी को दे दी जाएगी और बाकी हेलिकॉप्टर ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल होगी.

रणनीतिक अड्डे पर वायुसेना के हेलिकॉप्टर्स के साथ-साथ अन्य हवाई जहाज भी मौजूद होंगे. उनका इस्तेमाल किसी प्राकृतिक आपदा के वक्त किया जा सकेगा. वायुसेना के शीर्ष अधिकारी पहले ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू से कम से कम तीन दौर की बातचीत इन परियोजनाओं के संदर्भ में कर चुके हैं.