परिंदों की चुनौती से निपटने के लिए वायु सेना ने लोगों से मदद मांगी

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प्रतीकात्मक फोटो

भारतीय वायु सेना (Indian Airforce) जहां एक तरफ अपने 87वीं वर्षगाँठ मनाने की तैयारी कर रही है वहीं इस दिन के जश्न में भरी जाने वाली कम ऊंचाई वाली करतब और रोमांचकारी परवाजों के लिए और इसके पहले अभ्यास के लिए उड़ानों के दौरान भी परिन्दों की चुनौती से भी निपटने की खास कवायद भी करनी पड़ रही है. ये तैयारियां दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर हिंडन एयरबेस पर चल रही हैं जहां 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस मनाया जाना है और उससे पहले 1 अक्तूबर को रिहर्सल भी होनी है.

इन हालात में वायुसेना यहाँ और आसपास के आसमानी इलाके को सुरक्षित बनाने की कवायद में लगी है जिसके तहत हिंडन और आसपास के इलाके के लोगों से भी मदद माँगी गई है. वायुसेना के विमान दिल्ली के वजीराबाद पुल, करावल नगर और अफज़लपुर से हिंडन के रूट पर होंगे. वहीं शामली, जिवाना, चांदीनगर से हिंडन वाला दूसरा और हापुड़ से पिलखुवा, गाज़ियाबाद से हिंडन वाला तीसरा आसमानी रूट होगा.

भारतीय वायुसेना ने इन उपरोक्त क्षेत्रों में रहने और आने जाने वालों से कहा है कि वो खुले में ऐसा कोई खाने पीने का सामान या कूड़ा कचरा ना डालें जो पक्षियों को आकर्षित करता हो. ये पक्षी उड़ानों में बाधा तो उत्पन्न कर सकते ही हैं, किसी हादसे की वजह या वैसे हालात पैदा कर सकते हैं. इस क्षेत्र में यदि किसी को भी मृत जानवर के या उसके अवशेष दिखाई दें तो उसकी सूचना सम्बन्धित विभाग को दें ताकि उसे हटाया जा सके. ये सूचना स्थानीय थाने की पुलिस को दी जा सकती है. लोग चाहें तो इसकी खबर वायुसेना की निकटतम यूनिट को भी दे सकते हैं. इसके अलावा पक्षियों के खतरे से निपटने के लिए जिम्मेदार वायु सेना के अनुभाग बर्ड हजार्ड कॉम्बैट टीम (बीएचसीटी) के प्रभारी अधिकारी को सेलफोन नम्बर 7031639259 पर काल या एसएमएस करके भी दी जा सकती है.

वायुसेना दिवस और इसकी रिहर्सल के वक्त शानदार फ्लाई पास्ट तो होगा ही आकाशगंगा टीम भी एएन 32 एयरक्राफ्ट से शो करेगी. फ्लाईपास्ट में लड़ाकू विमानों के अलावा बड़े आकार के मालवाहक विमान और बेहद पुराने यानि विंटेज विमान भी हिस्सा लेंगे.