भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक नगरी वाराणसी की शिवांगी सिंह, हाल ही में भारतीय वायुसेना में शामिल किये गये, लड़ाकू विमान “राफेल” उड़ाने वाली पहली महिला लड़ाकू पायलट होंगी. तीन साल पहले वायु सेना में कमीशन हासिल करने वाली शिवांगी पहले से ही, मिग फाइटर विमान की उड़ान भर चुकी हैं. मिग उड़ाने वाले पायलट के लिए राफेल कोई बड़ी चुनौती तो नहीं है. क्योंकि मिग दुनिया भर में सबसे तेज़ रफ्तार से उड़ान भरने और लैंड करने वाला फाइटर प्लेन है. लेकिन इससे पहले बेहतरीन ‘कन्वर्जन ट्रेनिंग ‘ (Conversion training ) पूरा होना ज़रूरी है.
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बी एच यू -BHU ) से पढ़ाई कर चुकी शिवांगी सिंह का परिवार वाराणसी के फुलवरिया में रहता है. उनकी मां सीमा सिंह का कहना है कि शिवांगी फाइटर पायलट बनने का सपना बचपन से ही देखा करती थी. पिता कुमारेश्वर सिंह इस मौके पर उन दिनों की याद करते हैं जब छात्र जीवन के दौरान शिवांगी राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) में थी और उन्होंने एयर विंग को चुना था. 2013 – 15 तक एनसीसी में रही शिवांगी सिंह 7 यूपी स्क्वाड्रन में थी. 2013 में गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह के दौरान राजधानी दिल्ली में परेड के दौरान शिवांगी ने उत्तर प्रदेश के दस्ते का नेतृत्व किया था.
शिवांगी सिंह उन महिला पायलटों के दूसरे बैच का हिस्सा हैं जिसने 2017 में कमीशन प्राप्त किया था. भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमान (फाइटर प्लेन) उड़ाने वाली ऐसी 10 महिला पायलट हैं जो सुपरसोनिक जेट्स उड़ाने की मुश्किल ट्रेनिंग कर चुकी हैं. फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह पहले राजस्थान के सीमांत फाइटर एयर बेस पर तैनात थीं और उन्होंने वहां पर विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के साथ उड़ान भरी थी.
शिवांगी सिंह ने 2016 में वायु सेना अकादमी में दाखिला लिया था. और दिसंबर 2017 को हैदराबाद की एयर फोर्स अकादमी में उन्हें फाइटर पायलट का तमगा मिला था. फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह कन्वर्ज़न ट्रेनिंग पूरी करने के बाद हरियाणा स्थित भारतीय वायु सेना के अम्बाला एयर बेस पर राफेल की स्क्वाड्रन -17 ‘गोल्डन एरोज़’ में शामिल होंगी. बेटी की इस पोस्टिंग को परिवार एक उपलब्धि के साथ साथ उन लड़कियों के लिए प्रेरणा मानता है जो सेना में जाकर देश सेवा करने की इच्छा रखती हैं.