भारतीय वायु सेना ( IAF-आईएएफ) ने मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) ऑपरेशंस के एक हिस्से के तौर पर विज़ाज गैस रिसाव कांड से निपटने में आंध्र प्रदेश राज्य की सरकार की मदद की है. गैस रिसाव को रोकने के लिए तुरंत और बेहद ज़रूरी रसायन मुहैया कराने के लिए भारतीय वायु सेना ने विशेष तौर पर जहां अपने दो मालवाहक विमान (एएन 32) तैनात किये बल्कि गैस लीकेज की रोकथाम के काम की निगरानी के लिए साइट तक अधिकारियों और विशेषज्ञों को भी पहुँचाने में अहम योगदान दिया.
रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक आंध्र प्रदेश सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग से प्राप्त आग्रह के आधार पर भारतीय वायु सेना ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एलजी पॉलीमर्स में स्टाइरिन मोनोमर स्टोरेज टैंक में हुए गैस रिसाव को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए आवश्यक 8.3 टन रसायनों को एयरलिफ्ट किया.
भारतीय वायु सेना के दो एएन-32 परिवहन विमानों को विशाखापट्टनम से गुजरात के मूंदड़ा तक तकरीबन 1100 किलो टर्शियरी बुटिलकैटलचोल और 7.2 टन पोलीमेराइजेशन इनहिबिटर्स एवं ग्रीन रिटाडर्स एयरलिफ्ट करने के लिए तैनात किया गया. स्टोरेज टैंक से रिसने वाले गैस के ज़हरीलेपन को कम करने के लिए इन रसायनों की ज़रूरत थी. भारतीय वायु सेना ने दिल्ली के भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के निदेशक और स्टाइरिन गैस के एक विशेषज्ञ की आवाजाही को भी सुगम बनाया. इन दोनों अधिकारियों का गैस रिसाव को नियंत्रित करने के काम की निगरानी के लिए घटनास्थल पर पहुंचना ज़रूरी था .
भारतीय वायु सेना ने इसके अलावा, वर्तमान में चल रहे कोविड-19 महामारी संकट के दौरान राज्य सरकारों तथा सहायक एजेन्सियों को सुसज्जित करने के लिए आवश्यक अनिवार्य आपूर्तियों को एयरलिफ्ट करना जारी रखा हुआ है. इस काम में 25 मार्च भारतीय वायु सेना ने सरकार की सहायता करने के लिए अपने ऑपरेश्न्स शुरू किये थे और तब से कुल 703 टन वज़न का सामान एयरलिफ्ट किया जा चुका है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोविड-19 से संबंधित किसी भी कार्य के लिए भारतीय वायु सेना द्वारा कुल 30 हेवी एवं मीडियम एयरलिफ्ट ऐसेट्स निर्धारित किए गए हैं.