वीर योद्धा एयर मार्शल मन मोहन सिंह को आखिरी सलाम

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एयर मार्शल मन मोहन सिंह (फोटो-ट्विटर)

वीर चक्र से सम्मानित भारतीय वायु सेना के पूर्व एयर मार्शल एम एम सिंह का मंगलवार (22 सितंबर 2020) चण्डीगढ़ में निधन हो गया. मार्शल एम एम सिंह के नाम से लोकप्रिय मन मोहन सिंह 89 वर्ष के थे और रिटायर्मेंट के बाद से इसी शहर में रह रहे थे. सीमित लोगों की मौजूदगी में सेक्टर 25 स्थित शवदाह गृह पर उन्होंने पंचतत्व में विलीनता पाई. ट्राई सिटी चंडीगढ़, मोहाली और पंचकुला में रहने वाले सैन्य अधिकारी और पूर्व अधिकारियों ने चुनिन्दा रिश्तेदारों और परिवार वालों की अश्रुपूर्ण विदाई के बीच आखिरी सलामी दी.

मूल रूप से पंजाब की साहित्यिक नगरी जलंधर के रहने वाले मार्शल एम एम सिंह ने 31 जुलाई 1988 को समय से पूर्व रिटायरनेंट ली थी. मार्शल एम एम सिंह 54 कोर्स में थे और 19 जनवरी 1951 को उन्होंने भारतीय सेना में कमीशन हासिल किया था. 22 अगस्त 1985 को उन्हें वायु सेना कमान का प्रमुख बनाया गया था.

एयर मार्शल एम एम सिंह भारतीय वायु सेना की उस पश्चिमी कमान के प्रमुख (एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ – AOC -in – C ) रहे हैं जिसे सबसे महत्वपूर्ण कमान माना जाता रहा है. उन्हें 1971 के युद्ध के दौरान दिखाई गई वीरता और साहस के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया था जब वो विंग कमांडर थे. मार्शल सिंह तब पूर्वी सेक्टर में लड़ाकू स्क्वाड्रन को कमांड कर रहे थे. उन्होंने खुद अपने विमान से उस दौरान 19 उड़ानें भरीं. दुश्मन सेना की सामरिक महत्व की पोजीशन, गन बोट्स और समुद्री जहाजों को, जबरदस्त फायरिंग के बीच, मेघना नदी पर किये गये ऑपरेशन के दौरान, लक्ष्य को हासिल करने के लिए, उनकी स्क्वाड्रन ने बेहद असरदार कवर मुहैया कराया था. यही नहीं इस स्क्वाड्रन ने थल सेना को भी अहम मदद मुहैया कराई.

मार्शल एम एम सिंह को प्रदान किये गये वीर चक्र की साइटेशन में लिखा है कि उस पूरे ऑपरेशन के दौरान उन्होंने अदम्य साहस और उच्च श्रेणी की कर्तव्य परायणता का प्रदर्शन किया.