भारतीय वायु सेना की 91 सालगिरह पर मिला नया ध्वज और महिला अफसर ने किया परेड संचालन

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भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने नए ध्वज का अनावरण किया

भारतीय वायु सेना आज अपनी 91 वीं सालगिरह मना रही है. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में वायु सेना की मध्य कमान के बमरौली स्थित वायु सैनिक अड्डे पर मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया . इया बार वायु सेना दिवस की दो विशेषताएं रहीं. पहला तो यही कि भारतीय वायु सेना को नया ध्वज प्रदान किया गया. दूसरी खासियत किसी महिला अधिकारी का वायु सेना दिवस परेड का नेतृत्व करना. इस अवसर पर भारत के चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ जनरल अनिल  चौहान विशेष तौर पर उपस्थित थे. परेड की सलामी भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने ली.

वायु सेना प्रमुख का संबोधन :

भारत के  वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी  ने वायु सेना दिवस के अवसर पर उपस्थित अधिकारियों व तमाम सैनिकों को वायु सेना दिवस की बधाई देते हुए संबोधित किया . अपने संबोधन में  एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने कहा कि 2047 में  देश की आज़ादी के 100 साल होने पर हम जिस विकसित भारत की कल्पना कर रहे हैं उसी के अनुरूप हमारी वायु सेना को भी होना है . उन्होंने कहा कि हमको दुनिया भर में बेहतरीन में बेहतरीन वायु सेना बनना है और इससे कम में कोई समझौता नहीं हो सकता. बीते साल में वायु सेना के सामने आई चुनौतियों और इस दौरान किये गए काम व हासिल की गई उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस बीच में विदेशी बलों के साथ हमने 8 अभ्यास भी किये. उन्होंने रूस यूक्रेन युद्ध समेत विभिन्न बदलावों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि दुनिया के बदले हुए राजनीतिक  हालात ने भी हमें आत्मनिर्भरता की  संभावनाएं दिखाई हैं .

वायु सेना प्रमुख विवेक राम चौधरी ने  भविष्य के युद्धों की चुनौतियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि  इस साल में हमारी सोच एक ऐसी वायु सेना बनाने पर काम करने की है जो सीमा पार तक लड़ाई लड़ने की ताकत रखती हो. इस सेना ऐसा बनाना होगा जो कि  सीमा पार के हालात को अपने पक्ष में  मोड़कर युद्ध जीतने की ताकत रखती हो . उन्होंने  कहा कि  आज जो वायु सेना है वो हमें विरासत में मिली है और अब इसको बेहतरीन करना हमारा काम है. उन्होंने कहा कि अनूठा काम करना हमारे डीएनए में होना चाहिए. साथ ही हर वायु सैनिक को बल के लिए बेहतर करने का अवसर मिलना चाहिए. सैनिक के चरित्र में दृढ़ता , वीरता , संकल्प आदि गुणों की महत्ता बताने के लिए वायु सेना प्रमुख ने श्रीमद भागवत गीता का श्लोक पढ़ा. साथ ही वायु सेना प्रमुख वी आर चौधरी ने भविष्य के लिए  लचीलापन वाली सोच विकसित करने की ज़रुरत पर बल दिया.

ग्रुप कैप्टन शलीज़ा धामी

वायुसेना दिवस परेड ( air force day parade)  के इस कार्यक्रम में थल सेना के भी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. सीडीएस अनिल चौहान समेत तमाम अधिकारी पहले आ गए थे. वायु सेना की मध्य कमान के प्रमुख एयर मार्शल आर जी के कपूर ने उनका स्वागत किया . इस अवसर पर भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर और अन्य विमानों ने आसमान में तरह तरह की फोर्मेशन बनाई. गरुड़ कमांडों दस्ते ने करतब दिखाए और शानदार मार्च पास्ट किया . वायुसैनिकों ने राइफलों के साथ मजेदार ड्रिल भी दिखाई  जिसका स्लोगन ड्रिल विद थ्रिल ( drill with thrill )है . परेड के लिए  तीनों सेनाओं वायु सेना , थल सेना और नौसेना के 43 सदस्यों वाले संयुक्त बैंड ने एस्ट्रोनॉट की धुन बजाई. निशान टोली का नेतृत्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट निखिल प्रधान ने किया.

परेड कमांडर शलीज़ा धामी :
वायु सेना दिवस परेड की कमान ग्रुप कैप्टन शलीज़ा धामी ( shaliza dhami)  ने सम्भाली . इस तरह ग्रुप कैप्टन शलीज़ा धामी वायु सेना दिवस परेड का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी  बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ. भारतीय  सेना में स्थाई कमीशन हासिल करने वाली पहली महिला अधिकारी शलीज़ा धामी ही हैं. शलीज़ा धामी को 2003 में भारतीय वायु सेना में स्थाई कमीशन मिला था. वह  हेलिकॉप्टर पायलट हैं और इंस्ट्रक्टर भी हैं. उनको 2800 की हेलिकॉप्टर उड़ान का अनुभव प्राप्त है. पंजाब के लुधियाना की रहने वाली ग्रुप कैप्टन शलीज़ा धामी वायु सेन की पश्चिमी कमान में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण युद्धक हेलिकॉप्टर इकाई की कमान भी सम्भालती हैं.

वायुसेना का नया ध्वज :


भारतीय वायुसेना के इतिहास में 8 अक्टूबर, 2023 एक अहम  दिन के तौर  में दर्ज किया जाएगा.  वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने वायुसेना के नए  ध्वज का अनावरण किया .

भारतीय वायु सेना के इतिहास में  जाएं  तो  पहले इसका नाम रॉयल इंडियन एयर फ़ोर्स ( riaf – आरआईएएफ) था और तब इसके  ध्वज में ऊपरी बाएं कैंटन में यूनियन जैक और फ्लाई साइड पर आरआईएएफ राउंडेल (लाल, सफेद और नीला) शामिल था. यह तब की बात है जब भारत पर ब्रिटिश हुकूमत का शासन था. आज़ादी मिलने के बाद इसके नाम के आगे से ‘ रॉयल ‘ शब्द हटा दिया गया. साथ ही  निचले दाएं कैंटन में यूनियन जैक को भारतीय ट्राई कलर ( तिरंगे ) और आरएएफ राउंडल्स को आईएएफ ट्राई कलर राउंडेल के साथ प्रतिस्थापित करके भारतीय वायु सेना का ध्वज बनाया गया.

भारतीय वायु सेना के मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रकट करने के लिए अब नया  ध्वज बनाया गया है. अब ध्वज  के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की दिशा में वायु सेना क्रेस्ट को शामिल किया गया है .

क्रेस्ट के शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक सिंह और उसके नीचे देवनागरी में “सत्यमेव जयते” शब्द हैं. अशोक सिंह के नीचे उड़ान भरने की मुद्रा में  हिमालयी चील की तस्वीर है जिसके पंख फैले हुए हैं. यह  जो भारतीय वायुसेना के युद्ध के गुणों को दर्शाता है.  हल्के नीले रंग का एक वलय हिमालयी ईगल को घेरे हुए है, जिस पर लिखा है “भारतीय वायु सेना”.  भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य “नभःस्पृशं दीप्तम्” हिमालयी ईगल के नीचे देवनागरी के सुनहरे अक्षरों में अंकित है. भारतीय वायु सेना का का आदर्श वाक्य भगवत गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है और इसका अर्थ है “वैभव के साथ आकाश को छूना”.