भारतीय वायु सेना के 51 अधिकारियों और जवानों का दल जब पंकज सांगवान के, तिरंगे में लिपटे, पार्थिव शरीर को लेकर हरियाणा के सोनीपत जिले के कोहला गाँव पहुंचा तो जन सैलाब उमड़ पड़ा. जवान बेटे को खोने वाला पूरा का पूरा गाँव गमज़दा था. हर किसी की आँखों में नमी और जुबान पर ‘शहीद पंकज अमर रहे’ था. कोहला ही नहीं आसपास के गाँव के वासी भी पंकज को आखिरी विदाई देने के लिए आये थे. पूरे राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ वायुसैनिक पंकज सांगवान को पंचतत्व में विलीन किया गया.
भारतीय वायु सेना में बतौर लीड एयरक्राफ्ट मैन (LAC) तैनात पंकज सांगवान 3 जून को उस त्रासदी के शिकार बने भारतीय वायु सेना के एएन 32 मालवाहक विमान में सवार 13 लोगों में था जिन्होंने असम के जोरहाट वायु सेना अड्डे से अरुणाचल प्रदेश के मेचुका में हवाई पट्टी पर लैण्ड करने के लिए परवाज़ भरी थी. हादसे के आठ दिन बाद सभी के शव तो मिल गये थे लेकिन दुर्गम पहाड़ियों और घने जंगल वाले इस इलाके से खराब मौसम की चुनौती के बीच पार्थिव शरीर निकाल कर कल जोरहाट पहुंचाए जा सके थे. आज उन्हें अंतिम संस्कार के लिए घरों तक ससम्मान पहुँचाने का खास बन्दोबस्त किया गया था.
दोपहर पार्थिव शरीर सौंपने के साथ ही जब अधिकारियों ने परिवार को एक मेडल, टोपी और पंकज का फोटो दिया तो बहुत मार्मिक दृश्य था. कोई भी अपने आंसू नहीं सम्भाल पा रहा था. सेना के रस्मों रिवाज़ के मुताबिक वायुसैनिकों ने राइफलों से हवा में गोलियां चलाकर अपने साथी को सलाम किया. चचेरे भाई मोहित ने पंकज को मुखाग्नि दी. इससे पहले मां सुनीता और पिता धरमवीर सांगवान ने नम आँखों से पार्थिव शरीर पर गंगा जल छिड़का. जवान पोते की असमय मृत्यु का सदमा और किसी तरह इसका दर्द सहने की कोशिश कर रहे दादा राम कुमार ने वायु सेना के अधिकारियों और जवानों का आभार प्रकट किया जिन्होंने तमाम चुनौतियों के बाद भी सम्मान के साथ पंकज के पार्थिव शरीर को उसकी जन्मभूमि तक पहुँचाया.
वायु सैनिक पंकज 1 जुलाई 2015 को भारतीय वायुसेना में भर्ती हुआ था. सोनीपत के सांसद रमेश चन्द्र कौशिक ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पंकज हमेशा सबके दिलों में जिंदा रहेगा. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तरफ से आये मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने श्रद्धासुमन अर्पित किये.
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