भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र के लिए सामान और सेवाएं देने वाली मध्यम एव लघु इकाइयों (MSMEs) को आश्वस्त किया है कि उनके बिलों का जल्द से जल्द भुगतान किया जायेगा. रक्षामंत्री ने वैश्विक महामारी कोविड 19 के असर को पूरी दुनिया के सामने आई अप्रत्याशित सामाजिक और आर्थिक चुनौती बताया और उम्मीद ज़ाहिर की कि भारत अपनी तैयारियों के बूते हालात से बाहर निकल आएगा. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंत्रालय की तरफ से इन हालात में भी ‘व्यावसायिक निरंतरता’ रखने का वादा किया.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज रक्षा क्षेत्र के लिए सामान और सेवाएं देने वाली मध्यम एव लघु इकाइयों की संस्थाओं की तरफ से आयोजित ‘ई कॉन्क्लेव’ को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि भारत में ऐसी 8 हज़ार इकाइयाँ हैं जिनकी भारत के रक्षा क्षेत्र में सेवा और उत्पाद निर्माण करने में 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी है जोकि अहम है. उन्होंने माना कि लॉक डाउन की वजह से सप्लाई चेन में रूकावट आने से निर्माण क्षेत्र प्रभावित हुआ है और रक्षा उत्पादन भी इससे अछूता नहीं रहा. हालाँकि उन्होंने इस दिशा में हासिल की गई उपलब्धि का भी ज़िक्र करते हुए कहा,”दो माह से भी कम समय के भीतर, हमने न सिर्फ अपनी घरेलू मांग पूरी की है, बल्कि आने वाले समय में हम पड़ोसी देशों की भी मदद करने के लिए भी पूरी तरह तैयार हैं”.
राजनाथ सिंह ने स्थानीय और स्वदेशी सामान के बनाने और इस्तेमाल करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और ‘मेक इन इण्डिया’ व ‘आत्मनिर्भरता’ का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि 200 करोड़ रूपये से कम वैल्यू वाले ग्लोबल टेंडर मंजूर न करने का निर्णय एमएसएमई को व्यापार बढ़ाने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि एक सामूहिक प्रयास के माध्यम से, मुझे यकीन है कि मध्यम और लघु इकाइयां भारत की सुरक्षा तैयारियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और निर्यात के लिए वैश्विक सप्लाई चेन से जुड़ेंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि वह दिन दूर नहीं जब भारत को रक्षा उत्पाद के क्षेत्र में निर्यातक देश के रूप में पहचाना जाएगा. कॉन्क्लेव का आयोजन सोसायटी ऑफ़ इंडियन डिफेन्स मैन्युफैक्चरर्स (SIDM MSMEs) ने भारत सरकार और सीआईआई की मदद से किया.