भारत के सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने सेना में अधिकारियों की संख्या में कमी की बात तो मानी है लेकिन साथ ही कहा है कि आवेदन करने वालों की तादाद में कमी नहीं है. जनरल नरवणे ने कहा कि हमने अधिकारियों के चयन के मापदण्ड स्तर में कोई कमी नहीं की है और हम जो ट्रेनिंग दे रहे हैं वो भविष्य को देखते हुए ही दी जा रही है. उन्होंने बताया कि सेना में महिला जवानों को ट्रेनिंग देने की 6 जनवरी से शुरुआत हो चुकी है.
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भारतीय सेना की कमान सम्भालने के बाद नई दिल्ली में पहली प्रेस कान्फ्रेंस को सम्बोधित कर रहे थे. पिछले महीने जनरल बिपिन रावत को चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ बनाये जाने के बाद सेनाध्यक्ष के खाली हुए पद पर जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को नियुक्त किया गया था. जनरल नरवणे भारत के 28 वें सेना प्रमुख हैं.
जम्मू कश्मीर के हालात और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके POK) में सेना की कार्रवाई के मुद्दे और इससे जुड़े सवालों के जवाब में जनरल मनोज मुकुंद नरवणे साफ़ साफ़ और खुल कर बोले. उन्होंने कहा कि सेना संविधान के दायरे में रहकर काम करती है और हम सेना में भर्ती होते वक्त संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेते हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक पीओके का सवाल है तो बहुत साल पहले संसद में संकल्प पारित हुआ था कि पूरा जम्मू-कश्मीर हमारा हिस्सा है और अगर संसद ये चाहती है कि वह इलाका भी हमारा हो और इस बारे में हमें आदेश मिलते हैं तो अवश्य उस पर कार्रवाई की जाएगी.
सेना को जनता का पूरा साथ :
जनरल नरवणे ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सब अच्छा काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चाहे वह एलओसी हो या अंदरूनी इलाके, हमें जनता का पूरा समर्थन हासिल है. उन्होंने स्थानीय पुलिस और प्रशासन की सराहना की और आभार प्रकट किया. सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि उन्हें आर्मी से कोई शिकायत नहीं है. सीमाओं पर तैनात कमांडर के फैसले का सम्मान करना होगा. जो भी शिकायतें दर्ज हुईं, वो बेबुनियाद साबित हुईं.
दो मोर्चों पर जंग की तैयारी :
थल सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा कि पश्चिमी सीमाओं पर हमें सबसे ज्यादा खतरा है, इसलिए आर्मी की एक यूनिट को वहां 6 अपाचे हेलिकॉप्टर मिलेंगे. सियाचिन ग्लेशियर हमारे लिए बेहद अहम है और रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि दो मोर्चों पर युद्ध को लेकर दो तरह की तैयारियां हैं. उन्होंने कहा कि पहला- ऐसा होने पर प्राथमिक तौर पर हम बड़ी तादाद में बलों की तैनाती करेंगे. दूसरा- हम ऐसी स्थिति में पीछे नजर नहीं आएंगे. जनरल ने बताया कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच हॉटलाइन प्रस्तावित है. जल्द ही भारत के सैन्य ऑपरेशंस के महानिदेशक और चीन की पश्चिमी कमान के बीच हॉटलाइन शुरू होगी.
पुन: संतुलन की ज़रुरत :
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि इसी के साथ-साथ पाकिस्तान और चीन सीमा पर बलों की तैनाती को लेकर री-बैलेंसिंग जरूरी है. देश की उत्तरी और पश्चिमी सीमा पर समान रूप से ध्यान देने की जरूरत है. जहां तक भारतीय सेना का संबंध है, हमारे लिए हालिया खतरे में उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चलाना है और लंबे समय का खतरा पारंपरिक युद्ध है. उन्होंने कहा कि हम इसी तैयारी में जुटे हुए हैं.