भारत के सेनाध्यक्ष बनने के बाद जनरल मनोज पांडे ने लदाख में चीन बॉर्डर के अग्रिम मोर्चे का पहला दौरा किया. यहां अधिकारियों और जवानों के साथ उन्होंने मुलाक़ात की और रक्षा बंदोबस्त का जायज़ा लिया. जनरल पांडे अपने तीन दिवसीय इस दौरे के बीच में काफी कठिन क्षेत्रों तक गए. जनरल पांडे ने यहां युद्ध की तैयारियों का जायज़ा लिया.
भारतीय आर्मी चीफ (indian army chief ) ने चीन सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी lac) क्षेत्र में अलग अलग चौकियों और लोकेशन में तैनात जवानों से बातचीत की. इन क्षेत्रों में अपने दौरे की शुरुआत जनरल पांडे ने बृहस्पतिवार से की थी. उस दिन चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ जनरल पांडे को फायर एंड फ्यूरी कोर (fire and fury corps) के लेह स्थित मुख्यालय पर सेना के कमांडरों ने पूर्वी लदाख की स्थिति के बारे में जानकारी दी. फायर एंड फ्यूरी कोर भारत – चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा में रक्षा की ज़िम्मेदारी सम्भाल रही है. भारत -चीन बॉर्डर वाले इस इलाके के दौरे से पहले ही सेनाध्यक्ष जनरल पांडे ने कहा था कि चीन की नीयत हमेशा ही सीमा के सवाल को जिंदा रखने की रही है हालांकि ये दोनों मुल्कों के बीच मूल मुद्दा है.
सेनाध्यक्ष जनरल पांडे का कहना था कि भारत सीमा पर ‘विश्वास’ और ‘शांति’ चाहता है लेकिन ये एकतरफा नहीं हो सकता है. उनका कहना था कि हम पूर्वी लदाख सीमा पर सेनाओं की वही स्थिति चाहते हैं जो अप्रैल 2020 तक थी.
लदाख में सैनिकों की भिड़ंत
उल्लेखनीय है कि 4 – 5 मई 2020 को पूर्वी लदाख सीमा (ladakh border) पर भारत -चीन के सैनिकों के बीच भीषण हिंसक झड़प हुई थी. दोनों तरफ से इसमें जानी नुकसान हुआ था. भारत ने इस झड़प में बिहार रेजिमेंट के कर्नल संतोष बाबू (col santosh babu) समेत 20 सैनिक गंवाए थे लेकिन चीन ने अपनी सेना की हुई सही क्षति की जानकारी सार्वजानिक नहीं की थी. इसके बाद से हालात को ठीक करने के लिए मार्च 2022 तक भारत चीन की इस सीमा पर 15 बैठकें हो चुकी हैं लेकिन तनाव कम करने के कोई ठोस तरीका सेना के स्तर पर तो नहीं निकल सका है. तनाव बरकरार है और ये तब तक तक रहेगा जब तक इस मसले को राजनयिक स्तर पर नहीं सुलझाया जाएगा. हालात तो ये हैं कि भारत और चीन ने इस झड़प के बाद इस इलाके में अपनी सेनाओं को न सिर्फ ज्यादा मज़बूत किया है बल्कि सैनिकों की संख्या भी काफी बढ़ाई है. अंदाजा है कि दोनों ही तरफ तकरीबन 50 से 60 हजार सैनिक तैनात हैं. बीच बीच में कुछ संख्या घटाई गई लेकिन स्थिति में ख़ास परिवर्तन नहीं आया.