एक तरफ पूरी दुनिया नोवेल कोरोना वायरस (कोविड 19) की मार से त्रस्त है दूसरी तरफ भारत चीन सीमा पर सेनाओं के बीच गरमागरमी ने तनाव पैदा करना शुरू कर दिया है. ताज़ा मामला लदाख सीमा पर गालवान घाटी का है. चीनी सैनिकों की गतिविधियों की सूचना आने के बाद भारत ने यहाँ और सेना भेजी है.
ठिकाना बनाया :
भारतीय सेना का कहना है कि चीनी सेना के जवान गालवान घाटी में टेंट लगाकर उकसाने वाली हरकत कर रहे हैं. ये विवादित इलाका है और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA पीएलए) कई साल से यहाँ पर टेंट लगाकर कब्जा करने की कोशिश करती रही है जो उसकी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. इस इलाके में दोनों ही देशों के सेनाएँ गश्त करती हैं और तमाम संदिग्ध गतिविधियों पर निगाह रखती हैं लेकिन ख़बरें हैं कि चीन यहाँ अपनी सेना को बढ़ाता जा रहा है. यही नहीं इसके सैनिकों ने अपने ठिकाने भी बनाने शुरू कर दिए हैं.
मई में बढ़ता तनाव :
इसी महीने के शुरू में भी चीन की सेना ने लदाख में तैनात अपने सैनिकों की संख्या बढ़ानी शुरू की थी. इसी दौरान इससे 5 और 6 मई को भी लदाख की पेंगोंग सो झील के पास भारत और चीन के सैनिकों की झड़प हुई थी. इस घटना के बाद भारत की तरफ से भी डेमचोक, चुमार और दौलतबेग गोल्डी इलाकों में सैनिकों की तैनाती बढ़ाई गई है. इसे स्थानीय स्तर पर हुई झडपें बताया गया था जिसे सुलझाने के लिए स्थानीय क्मंद्रोंन ने बातचीत भी की थी. ये 3844 किलोमीटर लम्बा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC एलएसी) का इलाका है और यहाँ कई ऐसी जगह हैं जहां पता नहीं चलता कि वो जगह किसके अधिकार क्षेत्र में आती है. ऐसे स्थिति में सेनाओं की टुकड़ियां यदा कदा आमने सामने आ जाती हैं और फिर इनमें झड़प भी हो जाती है.