परमाणु शक्तियुक्त दो पड़ोसी देशों, भारत और चीन की सेनाओं में पूर्वी लदाख और उत्तरी सिक्किम के बीच उस सीमाई विवाद वाले इलाके में एक बार फिर से झडपें हुई जहां सीमा की साफ़ साफ़ निशानदेही नहीं हैं. अलग अलग जगह और समय पर हुई इन झड़पों में दोनों तरफ के सैनिक ज़ख़्मी हुए हैं. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक़ उत्तरी सिक्किम वाले क्षेत्र के मुकाबले के व्यापक प्रभाव वाले पूर्वी लदाख की झड़प बड़ी थी.
इनमें से लदाख में होने वाली एक घटना में कर्नल और मेजर रैंक के अधिकारी के भी घायल होने की सूचना है. पांच मई की सुबह भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के हेलीकाप्टर से पहुँचने पर चीन के दो हेलिकॉप्टर इस सीमाई प्वाइंट पर आ गये थे.
इन घटनाओं को सीमाई क्षेत्र की साफ़ साफ़ निशानदेही न होने से दोनों देशों के सैनिकों के बीच होने विवाद और झगड़े की एक घटना के तौर पर देखा जा रहा है. खबर ये भी है कि एक घटना में मारपीट भी हुई जिसमें चीनी सैनिकों ने नुकीली कीलें जड़े डंडे का इस्तेमाल किया और उससे भी भारतीय सैनिकों को ज़ख्म हुए है. जब तक वरिष्ठ अधिकारियों ने दखल नहीं दिया तब तक ये झड़प चलती रही.
पहली झड़प 5 और 6 मई की रात पूर्वी लदाख में पांगोंग (Pangong Tso) झील के किनारे फिंगर 5 पॉइंट (Finger 5 point) पर हुई. ग्लेशियर के पिघलने से बनने वाली ये झील कई झीलों को मिलकर बनी है और इन हिस्सों के अलग अलग नाम हैं. सैनिक यहाँ नाव में गश्त करते हैं. ये जगह उन प्वाइंट्स में से एक है जहाँ 1962 में भारत -चीन के बीच युद्ध हुआ था और तीन साल पहले भी इसी जगह पर दोनों देशों की सुरक्षा बलों के बीच जमकर पथराव हुआ था जिसका वीडियो भी सामने आया था. ताज़ा घटनाओं में यहाँ बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के जवान ज़ख्मी हुए है लेकिन ये पता नहीं चल सका कि चोटें किस तरह की हैं और ज़ख्मियों की तादाद कितनी है.
झड़प के बाद भारतीय थल सेना की उत्तरी कमांड के कमांडर ने यहाँ का दौरा भी किया है. ऐहतियात के तौर पर दोनों तरफ सैनिकों की तादाद बढ़ाई गई है. इन झडपों की शुरुआत 27 अप्रैल को हुई थी जब गश्त के दौरान दोनों देशों के सैनिक आमने सामने आ गये थे. यहाँ 14 हज़ार फुट की ऊंचाई पर भारतीय और चीनी फौजी 5 -6 की रात को फिर भिड़े. इसके बाद सीनियर कमांडरों की बैठक भी हुई लेकिन मामला फिर गरमा गया. उत्तरी सिक्किम में शनिवार को जो झड़प हुई उसमें भारत के 4 सैनिकों के ज़ख़्मी होने की सूचना है. ये झड़प मुगुथंग से आगे नाकु ला सेक्टर में हुई. सितम्बर 2019 में भी यहाँ दोनों पक्षों के सैनिकों में भिड़ंत हुई थी लेकिन चंद घंटे बाद ही चुशूल में प्रतिनिधि स्तर पर की गई बॉर्डर पर्सनल मीटिंग (बी पी एम – BPM) बैठक में मामले को स्थानीय स्तर पर सुलटा लिया गया था.
उल्लेखनीय है कि 2017 में भी भारत – चीन सीमा पर डोकलाम में दोनों सेनाओं के बीच 73 दिन तक, आमने सामने रहने की तनातनी के बीच लगातार तनाव बना रहा था. भारत और चीन के बीच हिमालयी क्षेत्र में 3 हज़ार किलोमीटर से भी लम्बी वास्तविक सीमा रेखा कही जाने वाले सीमाई इलाके में सही सही निशानदेही नहीं है जिसकी वजह से दोनों देशों के सैनिकों के बीच ऐसी घटनाएँ होती रहती हैं.