बहुत कुछ ख़ास हुआ बांग्लादेश के सैन्य अधिकारियों के इस भारत दौरे में

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बंगलादेश के सेनाध्यक्ष जनरल एसएम शफीउद्दीन अहमद ने नई दिल्ली में अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

तीन दिन के भारत दौरे पर आए पड़ोसी मुल्क बंगलादेश के सेनाध्यक्ष जनरल एसएम शफीउद्दीन अहमद ने भारतीय रक्षा और सैन्य अधिकारियों से मुलाक़ात की. इन मुलाकातों का मकसद भारत – बांग्लादेश के बीच सैन्य संबंधों में और प्रगाढ़ता लाने के लिए सहयोग के और तरीकों पर बातचीत करना है. जनरल शफीउद्दीन अहमद ने इस दौरे के दौरान भारत के चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ (CDS – सीडीएस ) जनरल बिपिन रावत , सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे , वायुसेना प्रमुख ( चीफ ऑफ़ एयर स्टाफ ) राकेश कुमार सिंह भदौरिया और रक्षा सचिव अजय कुमार से अलग अलग मुलाकात की.

सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष एसएम शफीउद्दीन अहमद का स्वागत किया.

बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष जनरल एसएम शफीउद्दीन अहमद के साथ आठ सदस्यों वाला प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है . समझा जाता है कि श्रृंखलाबद्ध ढंग से हुई इन मुलाकातों के बीच,  हाल ही में अफ़ग़ानिस्तान में हुए घटनाक्रमों के समूचे भारतीय उपमहाद्वीप  क्षेत्र में पड़ने वाले असर पर भी चर्चा हुई है. एक अधिकारी बयान  में कहा गया है कि बांग्लादेश और भारतीय रक्षा व सैन्य अधिकारियों के बीच हुई  मुलाकातों में  दोनों देशों के अधिकारियों की बातचीत का फोकस दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी सहयोग ही रहा.

सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष एसएम शफीउद्दीन अहमद का स्वागत किया.

बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष जनरल शफीउद्दीन अहमद ने भारत पहुँचने पर राजधानी दिल्ली में साउथ ब्लाक स्थित रक्षा मंत्रालय में  गार्ड ऑफ़ ऑनर ( Guard of Honour ) दिया गया. भारत के सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने यहां उनका स्वागत किया .  जनरल एसएम शफीउद्दीन अहमद दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर गए जहां उन्होंने  वीर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किया. उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा किया और  श्रद्धांजलि स्वरूप उस शिला पर भी पुष्प अर्पण किया  जिन शिलाओं पर , अलग अलग युद्धों में शहीद हुए सैनिकों के नाम लिखे हुए थे. सेनाध्यक्ष जनरल शफीउद्दीन  के साथ बांग्लादेश की सेना के और अधिकारी भी थे.

जनरल शफीउद्दीन अहमद को भारत पहुँचने पर राजधानी दिल्ली में साउथ ब्लाक स्थित रक्षा मंत्रालय में गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया.

उल्लेखनीय है कि पचास साल पहले पाकिस्तान से अलग हुए पूर्वी पाकिस्तान के हिस्से को ही बांग्लादेश कहा जाता है. बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ाद कराने में और इसके लिए संघर्ष कर रही मुक्तिवाहिनी को मदद करने में भारत और भारतीय सेना की अहम भूमिका रही है. भारतीय सेना ने इसके लिए पाकिस्तान से युद्ध का भी सामना जिसमें 39000 भारतीय सैनिक शहीद हुए हालांकि पाकिस्तान को इसमें शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. भारत ने पाकिस्तान के 90 हज़ार से ज़्यादा सैनिकों को बंधक बना लिया था. पाकिस्तान के साथ लड़े गए 1971 के इस युद्ध में उसके जनरल नियाज़ी ने इन सैनिकों के साथ आत्म समर्पण किया था.

जनरल एसएम शफीउद्दीन अहमद दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर.

पाकिस्तान पर 1971 के युद्ध में पाई जीत के पचास साल पूरे होने के अवसर पर  भारत साल 20 21 को स्वर्णिम विजय वर्ष के तौर पर मना रहा है. इस दौरान देशभर में सैन्य संस्थानों पर कार्यक्रम किये जा रहे हैं और साथ ही युद्ध की विजय के प्रतीक के तौर पर विजय मशाल यात्रा भी जारी है. ऐसे में बांग्लादेश और भारत , दोनों के ही सैन्य अधिकारी इन दौरे को विशेष महत्व दे रहे हैं. इससे पहले इसी साल अप्रैल में भारत के सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बांग्लादेश का दौरा किया था और बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष एसएम शफीउद्दीन अहमद को भारत आने का न्यौता दिया था.

जनरल शफीउद्दीन अहमद ने भारत के चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत से मुलाकात की.

बांग्लादेश से सेनाध्यक्ष एसएम शफीउद्दीन अहमद की भारत के लिए रवानगी से पूर्व बांग्लादेश  सेना के प्रवक्ता विभाग बांग्लादेश इंटर सर्विसेज़ पब्लिक रिलेशंस ( Bangladesh Inter Services Public Relations – ISPR) की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि सेनाध्यक्ष शफीउद्दीन अहमद इस दौर के बीच भारत विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों और राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय (  National Defence College ) भी जाएंगे.