भारत के सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने आज अपनी आज़ादी के हक़ और 1971 में स्वतंत्रता पाने के लिए संघर्ष करने वाले बंगालियों की सराहना की. जनरल नरवणे भारतीय थल सेना के ‘थिंक टैंक’ माने जाने वाले सेंटर लैंड वारफेयर स्टडीज़ (centre warfare studies – CLAWS) की तरफ से आयोजित किये उस कार्यक्रम में सम्बोधन कर रहे थे जिसमें ‘बंगलादेश लिबरेशन @फिफ्टी ईयर्स बिजॉय’ (Bangladesh liberation @50 years Bijoy) पुस्तक का विमोचन किया गया.
सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि बंगलादेश की स्वतन्त्रता के लिए किये गये संघर्ष ने लाखों बंगालियों बंगाली भाई – बहनों की जिंदगी और किस्मत को बदला है. उन्होंने कहा कि मैं उन बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ जिन्होंने कल के सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य के लिए प्राण दिए. जनरल नरवणे ने बंगलादेश की आज़ादी के लिए भारतीय सेना के साथ मिलकर युद्ध करने वाले आज़ाद बंगलादेश के नेताओं की भी तारीफ की.
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि भारत और बंगलादेश लंबे समय से साथ हैं और हमारी दोस्ती वक्त पर खरी साबित हुई है. समान जड़ों वाले पड़ोसी के तौर पर हम साथ साथ बढ़ रहे हैं और अपनी चुनौतियों और अवसरों को साझा करने के साथ आने वाले वक्त में भी साथ हैं.
वर्तमान वर्ष 2021 भारत और बंगलादेश दोनों के लिए ही महत्व रखता है. आजाद बंगलादेश के गठन के पचास साल पूरे होने के साथ ही पाकिस्तान से युद्ध में विजय की गोल्डन जुबली के अवसर पर भारत इसे स्वर्णिम विजय वर्ष के तौर पर मना रहा है. साथ ही ये बंगबंधु शेख मुज़ीबुर्रहमान का जन्म शताब्दी वर्ष भी है.