सिक्किम में भारतीय सेना के कमांडरों की आज से अहम बैठक

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भारतीय थल सेना के कमांडरों की दो दिवसीय अहम बैठक सीमांत राज्य सिक्किम में आज से शुरू हो रही है. यह सेना के कमांडरों का वर्ष 2024 का दूसरा सम्मेलन है जो अलग स्वरूप (हाइब्रिड मोड) में आयोजित किया जा रहा है. इसका  पहला चरण 10-11 अक्टूबर 2024 को गंगटोक में एक अग्रिम सैन्य स्थान पर आयोजित किया जा रहा है.  सम्मेलन के दूसरे चरण में, भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी 28-29 अक्टूबर 2024 को राजधानी दिल्ली में इकट्ठा होंगे.

भारत के  रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह गंगटोक में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को संबोधित करेंगे, जहां उन्हें उभरती सुरक्षा चुनौतियों और सुरक्षा क्षेत्र में सेना की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाएगी.

सम्मेलन का ब्यौरा देने के लिए  रक्षा मंत्रालय की तरफ से  जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस  समय भारत अनेक क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है, इसलिए सिक्किम में शुरू होने वाला सेना कमांडरों का सम्मेलन काफी महत्वपूर्ण है.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि अग्रिम स्थान पर वरिष्ठ कमांडरों का सम्मेलन आयोजित करना इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है ताकि सेना ज़मीनी हालात का सही  जायजा ले सके.  यह सम्मेलन वरिष्ठ कमांडरों के लिए वर्तमान परिचालन तैयारियों की समीक्षा करने, महत्वपूर्ण रणनीतियों पर विचार-विमर्श करने और भविष्य के निर्देशन की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा.

सम्मेलन के पहले चरण में भारत के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों और भारतीय सेना की युद्ध क्षमताओं को तेज करने के मकसद  से रणनीतिक पहलुओं पर चर्चा होगी. सम्मेलन के पहले चरण यानि  इस दो दिवसीय सत्र के दौरान जिन प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा, उनमें एक बहुआयामी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का बढ़ता महत्व शामिल होगा, जिसमें समकालीन खतरों का सामना करने के लिए नागरिक, सैन्य और राजनयिक स्तर की सूचना का समामेलन, सैन्य और आर्थिक (डीआईएमई) क्षेत्रों का एकीकरण शामिल है, इसके अलावा युद्ध क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों का मुकाबला करने के लिए कम लागत वाली प्रौद्योगिकियों और वैकल्पिक रणनीतियों को विकसित करने की आवश्यकता है.

भारतीय सेना द्वारा तकनीकी ज्ञान को आत्मसात करने के लक्ष्य के अनुरूप, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी सैन्य शिक्षा में प्रौद्योगिकी के संचार सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे और ऐसे क्षेत्रों में विशेषज्ञों की भर्ती की संभावनाओं का पता लगाएंगे।

सम्मेलन के दूसरे चरण में उभरते भू-राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा होगी, जिसके बाद परिचालन मामलों पर विचार-विमर्श होगा और विभिन्न बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठकें होंगी. इसमें सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की वित्तीय सुरक्षा के लिए कल्याणकारी उपायों तथा योजनाओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा. वरिष्ठ सेना कमांडर सम्मेलन 2024 को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना स्टाफ प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी संबोधित करेंगे.

रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि  सेना के वरिष्ठ कमांडरों का यह सम्मेलन सेना की तैयारी, बदलती स्थितियों में खुद को ढालने और सटीकता के साथ बचाव करने के संकल्प को मजबूत करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय सेना प्रगतिशील, दूरदर्शी, हरेक हालात  में मुकाबला करने में सक्षम और भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार रहे.