आखिर अब बनेगा देहरादून में आईएमए के परिसरों को जोड़ने के लिए सुरंग का रास्ता

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सैन्य अकादमी के देहरादून परिसरों को जोड़ने वाले अंडरपास के निर्माण की आधारशिला रखी.

उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून स्थित ऐतिहासिक भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए -IMA) की बरसों पुरानी एक अहम ज़रूरत अब पूरी होने वाली है. राष्ट्रीय राजमार्ग 72 के इर्द-गिर्द बने आईएमए के परिसरों को जोड़ने के लिए उन अंडरपास का शिलान्यास तो आज आखिर हो ही गया जिन्हें बनाने की योजना 40 साल पहले बनी थी. चकराता रोड के नाम से भी जाने जाने वाले इस रास्ते पर आईएमए के तीनों परिसरों से कैडेट्स और अन्य लोगों की आवाजाही तो सुगम होगी ही, वहां से गुजरने वाले ट्रैफिक की समस्या का भी समाधान होगा जो पिछले कुछ साल में लगातार बढ़ता रहा है. सुरंग जैसे इन दो अंडरपास में से एक आने के लिए और दूसरा जाने के लिए होगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सैन्य अकादमी के देहरादून परिसरों को जोड़ने वाले अंडरपास के निर्माण की आधारशिला रखी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सैन्य अकादमी के देहरादून परिसरों को जोड़ने वाले अंडरपास के निर्माण की आधारशिला रखी.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये शिलान्यास समारोह में शिरकत की और वर्चुअल शिलन्यास किया. उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, भारत के चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन सिंह रावत, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, सेना और सिविल प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे. इस काम के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 45 करोड़ रूपये की राशि देना केंद्र सरकार ने पहले ही मंजूर कर दिया था. मुख्यमंत्री ने इसके लिए केंद्र का आभार प्रकट किया और उम्मीद ज़ाहिर की कि इससे क्षेत्र की यातायात व्यवस्था में भी सुधार आने से मदद मिलेगी.

भारतीय सैन्य अकादमी

इन अंडरपास के बनने से, परेड के दौरान, सुरक्षा की चिंता भी अब उस तरह से नहीं होगी. साथ ही ट्रैफिक रोके जाने से आम लोगों को भी परेशानी होती थी. जनता भी अरसे से इस समस्या के समाधान की मांग कर रही थी. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दो सुरंग बनाने की मंजूरी के लिए भी उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अनुरोध किया था जिसे उन्होंने मान लिया.

भारतीय सैन्य अकादमी

अंडरपास के दो साल में तैयार होकर चालू होने की योजना बनाई गई है. आईएमए के तीन परिसरों (उत्तरी, दक्षिण और मध्य) को जोड़ने के लिए योजना 1978 में बनी थी तब से अब तक यहाँ और केंद्र में तमाम पार्टियों की सरकारें रहीं लेकिन इस योजना में किसी न किसी तरह की रुकावट हमेशा खड़ी होती रही, कभी धनराशि को लेकर तो कभी कोई और कारण सामने आया. पिछले साल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे मंज़ूरी दी थी.

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