भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कर्नल भुवनेश के थापा ने का कहना था कि जब उनके बेटे का पार्थिव शरीर घर वापस आएगा तो एक सैनिक के रूप में उसे ‘सलाम’ करेंगे. कर्नल थापा जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में वीर गति को प्राप्त हुए भारतीय सेना के कैप्टन बृजेश थापा के पिता हैं . उन्होंने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है.
सोमवार शाम देसा वन क्षेत्र में आतंकवादियों से लड़ते हुए भारतीय सेना नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय के साथ बृजेश थापा ने भी प्राणों की आहुति दी थी.
कर्नल भुवनेश के थापा (सेवानिवृत्त) ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके बेटे बृजेश ने देश के लिए अपनी जान दे दी. बृजेश 27 साल के थे. सेना में भर्ती होने का शौक लड़कपन से ही था. उन्होंने पढ़ाई मुंबई के एक आर्मी स्कूल से की और मुंबई के ही एक कॉलेज से बीटेक भी किया .
कर्नल भुवनेश ने कहा कि बृजेश बचपन से ही भारतीय सेना में जाना चाहता था और मेरी सेना की यूनिफ़ॉर्म पहनकर घूमता था. इंजीनियरिंग करने के बाद भी वह सेना में जाना चाहता था. कर्नल भुवनेश ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “उसने एक बार में ही परीक्षा पास कर ली और सेना में भर्ती हो गया” बृजेश शॉर्ट सर्विस कमीशन के ज़रिए भारतीय सेना में शामिल हुए ,
कर्नल भुवनेश ने कहा कि एक योग्य इंजीनियर होने के बावजूद बृजेश ने 2019 में सेना में शामिल होने का फैसला किया. कर्नल भुवनेश ने कहा, “उसकी ट्रेनिंग 2018 में शुरू हुई और वह सितंबर 2019 में सेना में शामिल हुआ।.वह एक बुद्धिमान, अनुशासित और आज्ञाकारी लड़का था. उसे जो दिया गया, उससे वह खुश रहता था.
“कैप्टन भुवनेश की माँ नीलिमा ने कहा, “वह एक अच्छा लड़का था और बचपन से ही सेना में शामिल होना चाहता था. बीटेक करने के बावजूद, वह सेना में शामिल हो गया. आखिरी बार वह इस साल मार्च में घर आया था. हमने उसे आखिरी बार तब देखा था.” नीलिमा ने बताया कि बृजेश को गिटार और ड्रम बजाना बहुत पसंद था. “वह बहुत अच्छा लड़का था. उसने कभी किसी बात की शिकायत नहीं की और वह हमेशा सेना में शामिल होना चाहता था. हमने उसे बताया था कि सेना में जीवन कठिन है.
नीलिमा ने कहा, “उसने अपने पिता का जीवन भी देखा था और वह तब भी सेना में शामिल होना चाहता था.”
इंडियन एक्सप्रेस अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार कर्नल भुवनेश, उनकी पत्नी नीलिमा, बेटी और बेटे बृजेश सहित थापा परिवार सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग में अपने घरों में रहेगा. भुवनेश ने कहा कि बृजेश ने आखिरी बार 14 जुलाई को उससे फोन पर बात की थी. एक न्यूज चैनल ने नीलिमा के हवाले से बताया कि बृजेश ने उससे कहा कि उसे ऑपरेशन के लिए पहाड़ियों में जाना है. नीलिमा ने कहा कि उसने उससे खुद की सुरक्षा करने के लिए कहा. यह उनके बेटे के साथ उनकी आखिरी बातचीत थी.
‘सामना करना असंभव’ इंडियन एक्सप्रेस ने भुवनेश के हवाले से कहा कि उनके बेटे का शव मंगलवार रात को सिलीगुड़ी लाया जाएगा. इसके बाद उन्हें बुधवार को दार्जिलिंग ले जाया जाएगा. एनडीटीवी न्यूज़ चैनल ने बृजेश के चाचा योगेश के हवाले से कहा कि वह अविवाहित है. योगेश ने कहा, “एक परिवार के तौर पर, हमें जो नुकसान हुआ है, उसे सहना असंभव है. ” उन्होंने केंद्र से आतंकवादियों पर नकेल कसने का आग्रह किया. कैप्टन बृजेश के बलिदान पर कई राजनेताओं ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा, “आतंकवाद विरोधी अभियान जारी हैं, और हमारे सैनिक आतंकवाद के अभिशाप को खत्म करने और क्षेत्र में शांति और व्यवस्था बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स पर लिखा, “यह जानकर दुख हुआ कि दार्जिलिंग के एक युवा सेना अधिकारी बृजेश थापा ने जम्मू-कश्मीर में कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी. मेरी हार्दिक संवेदनाएँ.
दार्जिलिंग से भाजपा सांसद राजू बिस्टा ने कहा, “मैं दार्जिलिंग पहाड़ियों, तराई, डुआर्स और पूरे देश के लोगों के साथ कैप्टन बृजेश थापा और उनके दोस्तों को अपनी गहरी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ, जिन्होंने कश्मीर में दुश्मनों से हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति प्राप्त की…”