कुन्नूर हेलिकाप्टर क्रैश के एकमात्र जीवित सैन्य अधिकारी ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह आज बुधवार को जिंदगी हार गए. वह हादसे में बुरी तरह से जख्मी हुए थे. देश उनके जल्द स्वस्थ होने की दुआएं कर रहा था. पूरा देश और सेना उनके निधन से दुखी है. पिछले एक हफ्ते से बेंगलुरू के कमांड अस्पताल में शौर्य चक्र विजेता वरुण का इलाज चल रहा था. वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे. 8 दिसंबर को नीलगिरि की पहाडियों में MI17V5 हेलिकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 11 अन्य सैनिकों की मृत्यु हो गई थी. सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जीवित बचे थे. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री ने वरुण सिंह के निधन पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है.
वायुसेना ने बुधवार को ट्वीट कर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन की जानकारी दी. हेलीकाप्टर हादसे में घायल होने के तुरंत बाद उन्हें तमिलनाडु में वेलिंगटन स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन अगले ही दिन बेहतर इलाज के लिए उन्हें बेंगलुरु स्थित कमान अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था. वह पिछले छह महीने से वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कालेज में इंस्ट्रक्टर के रूप में कार्यरत थे. आठ दिसंबर को वह जनरल रावत को रिसीव करने सुलूर एयरबेस गए थे.
मूल रूप से उत्तर प्रदेश में गाजीपुर के रहने वाले 39 वर्षीय वरुण सिंह के परिवार में उनकी पत्नी, 11 वर्षीय बेटा और आठ वर्षीय एक बेटी है. उनके पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) केपी सिंह आर्मी एयर डिफेंस (AAD) में सेवाएं दे चुके हैं. ग्रुप कैप्टन का परिवार इस समय मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रहता है.
इस साल अगस्त में वरुण सिंह को देश के शांतिकाल के तीसरे शीर्ष वीरता पुरस्कार शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था. पिछले साल अक्टूबर में उड़ान के दौरान उनके तेजस विमान में तकनीकी खराबी आने के बाद उन्होंने साहस और कौशल का प्रदर्शन करते हुए सुरक्षित लैंडिंग की थी और देश के करोड़ों रुपये बचाए थे.
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने उनके निधन पर दुख और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि हेलीकाप्टर दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद ग्रुप कैप्टन ने वीरता और अदम्य साहस के सैनिक के जज्बे का प्रदर्शन किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने गर्व, वीरता और पेशेवर रूप से देश की सेवा की. मैं उनके निधन से बेहद व्यथित हूं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके निधन पर गहरी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह सच्चे योद्धा थे जो अपनी अंतिम सांस तक लड़े. दुख की इस घड़ी में हम शोक संतप्त परिवार के साथ हैं.
गम में डूबा ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पैतृक गांव
देवरिया (उत्तर प्रदेश) स्थित पैतृक गांव रुद्रपुर तहसील क्षेत्र के कन्हौली में बुधवार को दोपहर करीब एक बजे फोन पर आई सूचना ने सभी को गम में डुबो दिया. वरुण के पिता कर्नल केपी सिंह व परिवार के अन्य सदस्य बेंगलुरु में हैं.