उन्होंने ऐसे समय में भारतीय थल सेना प्रमुख ( chief of army staff ) का पदभार संभाला है, जब वैश्विक भू-रणनीतिक माहौल गतिशील बना हुआ है, साथ ही तकनीकी प्रगति और आधुनिक युद्ध के लगातार बदलते स्वरूप के कारण सुरक्षा क्षेत्र में चुनौतियां और भी स्पष्ट होती जा रही हैं. इसलिए एक उभरते राष्ट्र के लिए सुरक्षा खतरों का मुकाबला करने हेतु परिचालन संबंधी तैयारियाँ, थल सेना प्रमुख के लिए एक प्रमुख फोकस क्षेत्र के रूप में प्रमुखता से उभरेंगी। साथ ही, बेशुमार गैर-पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियों के लिए एक केंद्रित प्रतिक्रिया रणनीति भी राष्ट्र की रक्षा को बढ़ाने की दिशा में प्राथमिकता होगी.
60 वर्षीय जनरल द्विवेदी अपने साथ अनुभव का खजाना और अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए प्रभावी ढंग से योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने का सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड लेकर आए हैं. उन्होंने महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है और राष्ट्रीय सुरक्षा के विशाल क्षेत्र में ग्रे ज़ोन अभिव्यक्तियों का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जनरल द्विवेदी को सुरक्षा क्षेत्र में आधुनिक और उभरती हुई तकनीकों की गहरी समझ वाला अधिकारी माना जाता है. वह परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए सैन्य प्रणालियों में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग और एकीकरण करने का एक विचारशील दृष्टिकोण रखते हैं. उनका उद्देश्य देश की जीवंत, सक्षम और उत्पादक प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठाकर महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के प्रसार को बढ़ाना होगा.
जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का विवाह श्रीमती सुनीता द्विवेदी ( sunita dwivedi) से हुआ है, जो विज्ञान स्नातक हैं और गृहिणी हैं. सुनीता द्विवेदी भोपाल में विशेष रूप से सक्षम बच्चों के लिए एक संस्थान आरुषि से जुड़ी हुई हैं. द्विवेदी दंपति की दो बेटियां हैं.