भारत के पूर्व सेनाध्यक्ष जोगिन्दर जसवंत सिंह यानि लेफ्टिनेंट जनरल जे जे सिंह ने आखिर शिरोमणि अकाली दल छोड़ दिया. जनरल जेजे सिंह ने पिछली दफा पंजाब विधान सभा में पटियाला निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था जहाँ वह कैप्टन अमरिंदर सिंह से हार गये थे. इससे पहले जनरल जे जे सिंह अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल भी थे. कैप्टन अमरिंदर सिंह भी पूर्व सैनिक हैं और वर्तमान में पंजाब के मुख्यमंत्री भी हैं.
जनरल जे जे सिंह ने व्यक्तिगत कारणों की दलील देते हुये अकाली दल (बादल) से इस्तीफा दिया है. जे जे सिंह अकाली दल के पूर्व सैनिक विंग के प्रधान भी थे. वैसे कहा जा रहा है कि अकाली दल के काम के तरीकों से नाखुशी की वजह से जनरल जे जे सिंह ने पिछले साल सत्ताच्युत हुए अकाली दल से नाता तोड़ा है.
नवम्बर 2004 में सेना प्रमुख नियुक्त किये गये जनरल जे जे सिंह ने सेनाध्यक्ष का ओहदा 31 जनवरी 2005 को जनरल एनसी विज के रिटायर होने पर सम्भाला था. वह भारतीय सेना के 22 वें चीफ थे और इस ओहदे पर पहुंचे वाले पहले सिख अधिकारी भी थे.
73 वर्षीय जनरल जे जे सिंह ने 11 दिसम्बर की तारीख को लिखा इस्तीफे वाला पत्र अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को प्रेषित किया है. हालांकि जनरल जे जे सिंह ने जनता की सेवा जारी रखने की बात कहकर राजनीति में बने रहने की तरफ इशारा किया है.