पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी इंटर सर्विसेज़ इंटेलीजेंस सेना ( inter services intelligence ) के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल ( रिटायर्ड ) फैज हमीद को सेना ने गिरफ्तार कर लिया है . साथ ही उन पर टॉप सिटी हाउसिंग स्कीम घोटाले ( top city housing scam) के सिलसिले में उनके कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी यहां की सबसे अहम जासूसी एजेंसी ( spy agency ) के प्रमुख रहे अधिकारी के खिलाफ कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू की गई है.
पाकिस्तान के अखबार ‘द डान ‘ के मुताबिक़ इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर ispr ) की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए, लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद (सेवानिवृत्त) के खिलाफ टॉप सिटी मामले में की गई शिकायतों की सत्यता का पता लगाने के लिए पाकिस्तानी सेना द्वारा एक विस्तृत कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी 9 court of inquiry) की गई.” इसमें “परिणामस्वरूप, लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद (सेवानिवृत्त) के खिलाफ पाकिस्तान सेना अधिनियम के प्रावधानों के तहत उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है.”
आईएसपीआर ने कहा है कि “इसके अलावा, सेवानिवृत्ति के बाद पाकिस्तान सेना अधिनियम के उल्लंघन के कई मामले भी स्थापित किए गए हैं और फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद (सेवानिवृत्त) को सैन्य हिरासत में ले लिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट और रक्षा मंत्रालय के निर्देशों के आलोक में , सेना ने कथित तौर पर इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के पूर्व प्रमुख फैज़ हमीद के खिलाफ सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों की जांच के लिए अप्रैल में एक जांच समिति बनाई थी. समिति का गठन सेना द्वारा आत्म-जवाबदेही के संकेत के रूप में किया गया था और बताया गया था कि इसका नेतृत्व एक सेवारत मेजर जनरल करेंगे.
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने 14 नवंबर को जारी अपने लिखित आदेश में कहा था कि पूर्व जासूस सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के खिलाफ “बेहद गंभीर प्रकृति” के आरोपों को “अनदेखा नहीं किया जा सकता” क्योंकि अगर वे सच साबित हुए तो वे देश के संस्थानों की प्रतिष्ठा को कमजोर करेंगे. लिखित आदेश में कहा गया था: “आरोप अत्यंत गंभीर प्रकृति के हैं, और यदि सत्य हैं, तो निस्संदेह संघीय सरकार, सशस्त्र बलों, आईएसआई और पाकिस्तान रेंजर्स की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएंगे, इसलिए, उन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता है.”
निजी आवास योजना टॉप सिटी के प्रबंधन ने पूर्व आईएसआई प्रमुख के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने इसके मालिक मोइज़ खान के कार्यालयों और आवास पर छापेमारी की थी. नवंबर 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने हाउसिंग सोसाइटी के मालिक को फैज़ हमीद और उनके सहयोगियों के खिलाफ अपनी शिकायतों के निवारण के लिए रक्षा मंत्रालय समेत संबंधित विभागों से संपर्क करने के लिए कहा था.
लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद पहले भी कई तरह के विवादों में रहे हैं . खासतौर से सियासत और सेना के संबंधों के साथ साथ अपनी नेटवर्किंग को लेकर भी वह खबरों में रहे . अपने फायदे के लिए सेना में अपने ओहदे का इस्तेमाल व सियासी जोड़तोड़ में शामिल होने के कारण उनके नाम की चर्चाएं होती रहीं हैं .
मार्च 2023 में, तत्कालीन गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने बताया था कि पूर्व आईएसआई प्रमुख फैज़ हमीद और उनके भाई नज़फ़ हमीद के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में जांच चल रही है. नज़फ़ हमीद रिटायर्ड नाय तहसीलदार हैं. मार्च 2024 में रावलपिंडी की एक अदालत ने नजफ हमीद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में अदियाला जेल भेज दिया था.
सेवानिवृत्ति और विवादास्पद अतीत:
जनरल फैज़ हमीद जून 2019 में आईएसआई के प्रमुख ( isi chief ) नियुक्त किये गए थे और नवंबर 2022 में उन्होंने अपना इस्तीफा हाईकमान को भेज दिया था. 2021 की अंतिम तिमाही में लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को आईएसआई का नया प्रमुख नियुक्त करने को लेकर सेना और पीटीआई सरकार के बीच कथित गतिरोध में वह चर्चा का विषय बने थे.
पाकिस्तान सेना ने 6 अक्टूबर, 2021 को घोषणा की थी कि जनरल हमीद को पेशावर कोर कमांडर नियुक्त किया गया है, जबकि उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम को आईएसआई प्रमुख नियुक्त किया गया है लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने तीन सप्ताह बाद तक लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम की नियुक्ति की आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की, जिससे नागरिक-सैन्य संबंधों में तनाव की अटकलें लगाई जाने लगीं. तब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे. देरी के बाद, पीएमओ ने आखिरकार 26 अक्टूबर, 2021 को लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को नए आईएसआई प्रमुख के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की.