भारतीय सैनिकों और पूर्व सैनिकों तथा उनके आश्रितों को सेना के अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने के लिए नए मेडिकल कार्ड बनवाने होंगे . 1 फरवरी 2024 से नई व्यवस्था लागू होने के बाद पुराने अंतरिम स्वास्थ्य अधिकार प्रपत्र निरस्त माने जाएंगे. सेना मुख्यालय की तरफ से हाल ही में यह आदेश जारी किए गये हैं . इसमें बताया गया है कि , पुराने तरीके से जारी किये गए अधिकार प्रपत्रों की खामियों के कारण , सेना की स्वास्थ्य सेवाओं का फायदा वह लोग भी उठा रहे थे जो इसके पात्र नहीं थे.
अब भारतीय सेना के सभी सैनिकों के आश्रितों और पेंशनभोगियों के आश्रितों व उन सभी के लिए ऐसे नए मेडिकल कार्ड बना रही है जिनको डिफेन्स एस्टीमेट ( defence estimate ) से धन जारी होता है . थल सेना के सभी अधिकारियों , जूनियर कमीशंड अधिकारियों ( जेसीओ – JCO ) और जवानों की तरह यह नियम नौसेना ( indian navy ) व भारतीय वायु सेना ( indian air force ) पर भी लागू होगा. यह नए मेडिकल कार्ड ( interim medical entitlement card ) तीन साल के लागू होंगे.
सेना आदेश 120 /80 ( AO 180/20 ) में समीक्षा के साथ नए नियम लागू होने पर वह तमाम कार्ड निरस्त माने जाएंगे जो सेना आदेश 74 /75 ( AO 74 /75 ) के तहत बनाए गए थे. नए कार्ड तीन साल के लिए बनाए जाएंगे. इनमें सैनिक और उसके आश्रितों के नाम व उनसे सैनिक का संबंध भी उल्लेखित होगा. हरेक आश्रित के अलग से कार्ड बनेगा. अब तक एक ही कार्ड जारी होता था जिस पर आश्रितों की केवल संख्या उल्लेखित होती है . संभवत इसी का लाभ उठाकर ऐसे लोग भी फायदा उठा लेते थे जो इसके हक़दार नहीं थे. ऐसी गड़बड़ियां आर्मी अस्पताल ( army hospital ) और आर एंड आर अस्पताल में पकड़ में आईं थीं.
सैनिकों को नए मेडिकल कार्ड बनवाते समय आश्रितों का ब्यौरा तो नए फॉर्मेट में भरना होगा , साथ ही सबका आधार कार्ड भी अनिवार्य रूप से देना होगा. सेना मुख्यालय की तरफ से 18 अक्टूबर 2023 को इस सम्बन्ध में 7 पन्नों का एक आदेश जारी किया गया है. इसकी कॉपी भारतीय सेना के सभी कमान अधिकारियों को भेजी गई है. साथ ही इसे वायुसेना और नौसेना में भी लागू करने के लिए कहा गया है .
एक ख़ास बात यह भी कि सेवारत सैनिकों या पेंशन भोगियों के आश्रितों को सेना की चिकित्सा सुविधा का लाभ तभी मिलेगा जबकि उनकी मासिक आय 9000 रूपये से अधिक न हो. यह नियम उनके माता -पिता या 18 साल से ऊपर के बच्चों पर भी लागू होगा. पुराने नियमों में यह आय सीमा 3500 रूपये होती थी जिसे 18 सितंबर 2017 के बढ़ाकर 9000 किया गया था. यही सीमा वर्तमान में लागू रहेगी.