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भारतीय नौसेना की समुद्रपारीय तैनाती के हिस्से के तौर पर भारत में निर्मित पोत का पहला प्रशिक्षण बेड़ा 14 से 17 अक्तूबर तक दारेस्लाम और जंजीबार के दौरे पर है. इसके तहत भारतीय नौसेना के स्वदेश निर्मित पोत तीर, सुजाता और शार्दुल के साथ ही भारतीय तटरक्षक पोत सारथी इसमें शामिल हैं. इस प्रशिक्षण दौरे के कार्यक्रम के मुताबिक़ भारतीय पोत 14 अक्तूबर को दारेस्लाम में और 15 से 17 अक्तूबर को जंजीबार में लंगर डालेंगे. पहले प्रशिक्षण बेड़े के वरिष्ठ अधिकारी कैप्टन वरुण सिंह हैं, जो आईएनएस तीर के कमान अधिकारी भी हैं.
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दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के अधीन भारतीय नौसेना का पहला प्रशिक्षण बेड़ा कोच्चि में स्थित है. यह भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक (Indian Coast Guard) समेत मित्र देशों के अफसर कैडेटों को ट्रेनिंग देता है. प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में सीमैनशिप, नेवीगेशन, शिप-हैंडलिंग, बोट-वर्क और इंजीनियरिंग की ट्रेनिंग शामिल है, जो आईटीएस पोतों पर दिया जाती है. इसके अलावा पोत संचालन का प्रशिक्षण आईएनएस तरंगिणी और आईएनएस सुदर्शनी पर होता है.
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एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक़ अपने दौरे में, पहले प्रशिक्षण बेड़े के वरिष्ठ अधिकारी, तंजानिया सरकार तथा तंजानिया जन-सुरक्षा बलों के अधिकारियों और विभिन्न विशिष्टजनों से मुलाकात करेंगे. सहयोग बढ़ाने के लिए तंजानिया जन-सुरक्षा बलों के साथ बातचीत की भी योजना है.
तंजानिया और भारत के बीच पारम्परिक गहरे और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं और दोनों देश लोकतंत्र तथा विकास के साझा मूल्यों पर सहयोग करते हैं. दोनों देशों के बीच नियमित रूप से सूचनाओं का उच्च स्तरीय आदान-प्रदान और बातचीत होती रहती है, जिनमें द्विपक्षीय रक्षा सहयोग शामिल है. भारतीय नौसेना के पोत मित्र देशों के साथ लिए नियमित रूप से ऐसे दौरे किया करते हैं, जिनका मकसद अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मजबूत करना है.