दुनिया भर में अपनी श्रेणी के बेहतरीन संस्करण और विकसित मारक क्षमता वाले बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान राफेल की भारत में तैनाती के लिए पहली खेप अप्रैल महीने के आसपास आएगी. भारत को फ्रांस की द्साल्ट एविएशन से मिलने वाले 36 राफेल में से इस खेप में चार लड़ाकू विमान होंगे और इन्हें हरियाणा के अम्बाला स्थित भारतीय वायु सेना के एयरबेस पर रखा जाएगा. वहीं पर राफेल के पायलटों की ट्रेनिंग का भी बन्दोबस्त किया गया है. अपने तरह के सबसे अनूठे इस ट्रेनिंग सेंटर में जो सिमुलेटर लगाया गया है उससे न सिर्फ उड़ान भरने बल्कि युद्ध करने की ट्रेनिंग भी दी जा सकती है. ये सिमुलेटर भारत में अपनी तरह का पहला सिमुलेटर है जिसका औपचारिक उद्घाटन करने के लिए 23 फरवरी की तारीख निश्चित की गई है.
हर तरह के मौसम में लड़ने की ताकत रखने वाले राफेल विमान को खरीदने के लिए फ्रांसीसी विमानन कम्पनी के साथ हुए करार के तहत भारत को तकनीकी तौर पर तो पहला विमान शुक्रवार को मिल गया है. फ्रांस में भारतीय वायु सेना की नुमायन्दगी करने वाले एक अधिकारी ने ये विमान स्वीकार किया है. ये महज़ कागजी प्रक्रिया थी. वैसे विमानों की पहली खेप प्राप्त करने के रस्मी कार्यक्रम के लिए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संभवत: अगले महीने फ्रांस जायेंगे.
स्वीकार किये गये पहले विमान की टेल (पूँछ) पर अंग्रेजी में लिखे आर बी 01 (RB 01) का मतलब है राफेल भारत (Rafale Bharat) और 01 का मतलब कि ये इस टुकड़ी का पहला विमान है. हालांकि मीडिया में इस तरह की ख़बरें भी आई हैं कि राफेल की टेल आरबी का ताल्लुक एयर मार्शल आर के एस भदौरिया के नाम से है क्यूंकि राफेल के चयन और डील करवाने की प्रक्रिया आदि में उनकी अहम भूमिका रही है. आरकेएस भदौरिया 30 सितम्बर को बीएस धनोआ के रिटायर होने पर भारतीय वायु सेना की कमान सम्भालेंगे. वैसे जानकारों का कहना है कि खुद एक टेस्ट पायलट आरकेएस भदौरिया बेहद लो प्रोफाइल रहकर चुपचाप काम करने में विश्वास रखते हैं और राफेल परियोजना में उनकी बेहद अहम भूमिका रही है. उनको सेवानिवृति में दो साल का विस्तार देकर एयर चीफ मार्शल नियुक्त किये जाने के पीछे एक ये भी कारण रहा है लेकिन विमान की पहचान के तौर पर टेल पर ‘आरबी’ का दर्ज होना उनके नाम से सम्बन्ध नहीं रखता है.
भारतीय वायु सेना के पायलटों की ट्रेनिंग प्रोग्राम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी के मुताबिक़ अभी फ्रांस में राफेल के लिए 3 पायलटों की ट्रेनिंग चल रही है. ट्रेनिंग की योजना के मुताबिक आठ आठ के दल में कुल तीन समूहों में 24 फाइटर पायलट फिलहाल फ्रांस में राफेल की ट्रेनिंग लेंगे यानि कुल 27 पायलट इस परियोजना के तहत प्रशिक्षित किये जायेंगे. जैसे जैसे द्साल्ट एविएशन से विमानों की खेप मिलती रहेगी वैसे वैसे इसके पायलटों की तादाद में इजाफा भी किया जा सकता है. अभी तक तो ये संख्या 27 ही रखी गई है.
डबल इंजन वाले जो राफेल (Rafale -IV ) भारत ले रहा है उनमें आठ तो टू सीटर होंगे ताकि उन्हें पायलटों की प्रशिक्षण उड़ानों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सके. शुरुआत में जो चार विमान आने वाले हैं वो दिसम्बर के आसपास भारत को ‘हैण्ड ओवर’ होंगे फिर उनकी टेस्टिंग के लिए 1000 घंटे की उड़ान होनी है. इन घंटों को बाँट भी दिया जाए तो औसतन हरेक फाइटर विमान 250 घंटे की उड़ान भरेगा. ये उड़ान घंटे पूरे करने में कुछ महीनों का वक्त लगना है जिसके बाद ही राफेल विमान की पहली खेप की तैनाती भारत में होगी.