सब कुछ सामान्य रहा तो कामयाबी के फलक पर भारत की एक और सानिया मिर्ज़ा लडकियां के लिए शानदार मिसाल बनेगी. ये सानिया मिर्ज़ा उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर के रहने वाले एक शख्स की बेटी है जो टेलीविजन मकेनिक है. सब ठीक रहा तो इसकी बेटी महिला फाइटर पायलट बनके जंगी जहाज़ में आसमान में परवाज़ भरेगी. सानिया मिर्ज़ा ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी ( national defence academy ) की परीक्षा पास की है और 27 दिसंबर को महाराष्ट्र के पुणे स्थित खडकवासला में एकेडमी में दाखिल होगी. सानिया मिर्ज़ा यूपी की पहली महिला फाइटर पायलट होगी.
उल्लेखनीय है कि विश्व टेनिस में धूम मचाने वाली भारतीय महिला भी सानिया मिर्ज़ा थी जो कई महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनी. उसके बाद से ये नाम भी काफी लोकप्रिय हुआ. हालांकि विश्व चैम्पियन सानिया ने शादी पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी शोएब मलिक से की.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर के जसोवर गांव की सानिया मिर्ज़ा ( sania mirza ) ने एनडीए परीक्षा में 149 वां स्थान हासिल किया है. यूं तो एनडीए की प्रतियोगी परीक्षा सभी के लिए कठिन है लेकिन महिलाओं के मामले में तो और भी मुश्किल है. दरअसल एनडीए परीक्षा 2022 को पास करके दाखिला 400 सीटों पर होना था और इसमें से महिलाओं के लिए 19 सीटें आरक्षित थीं. इनमें से भी मात्र 2 सीटें फाइटर पायलट के लिए हैं. भारत की पहली महिला फाइटर पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनि चतुर्वेदी (flight lieutenant avani chaturvedi) को अपनी प्रेरणा मानने वाली सानिया ने इसी श्रेणी के लिए प्राथमिकता दी थी. अवनि चतुर्वेदी मध्य प्रदेश की हैं.
सानिया मिर्ज़ा ने प्राइमरी से 10 वीं कक्षा तक की पढ़ाई गांव के ही पंडित चिंतामणि दुबे इंटर स्कूल में की. इसके बाद मिर्ज़ापुर शहर में गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज से 12 वीं पास की. ये उत्तर प्रदेश बोर्ड की परीक्षा थी जिसमें सानिया ने मिर्ज़ापुर ज़िले में टॉप किया था. 10 अप्रैल को सानिया ने एनडीए के लिए परीक्षा दी थी. सानिया की कामयाबी पर न सिर्फ उसके माता पिता तबस्सुम मिर्ज़ा और शहीद अली मिर्ज़ा बल्कि पूरा का पूरा गांव खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है. बचपन से ही सानिया का फाइटर पायलट बनने का सपना था.
सानिया की मां तबस्सुम कहती हैं कि जिस तरह अपना सपना साकार करने में सानिया की संकल्पशीलता गांव की हरेक लड़की का सपना पूरा करने की प्रेरणा बन गई है. शाहिद बड़े फख्र और ख़ुशी का इज़हार करते हुए कहते हैं कि खड़कवासला में कामयाबी से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सानिया देश की सेवा करने वाली एक और फाइटर पायलट बन जाएगी. हालाँकि सानिया अपनी कामयाबी के लिए अपने मां बाप और सेंचूरियन डिफेन्स अकेडमी (centurian defence academy) को श्रेय देती है. एनडीए परीक्षा को पास करने की तरकीबें सानिया ने इसी अकेडमी से सीखीं थीं.
भारतीय वायु सेना में भर्ती होकर आसमान पर राज करने वाली महिला पायलटों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनि सिंह पहली महिला फाइटर पायलट हैं. उनके साथ ही मोहना सिंह जितरवाल और भावना कंठ ने भी इसी फेहरिस्त में जगह बनाई. वहीं 2017 में कमीशन हासिल करके रफेल लड़ाकू विमान उड़ाकर फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह ने भी भारत का नाम रोशन किया.