लड़ाकू मिग 29 रात को पहली बार समुद्र में आईएनएस विक्रांत पर ख़ास मकसद से उतरा

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भारत  में निर्मित पहले स्वदेशी और  अत्याधुनिक विमान वाहक  युद्धपोत आईएनएस विक्रांत ने एक और चुनौतीपूर्ण उपलब्धि हासिल की है . जंग के लिए पूरी तरह फिट होने का प्रमाण पत्र हासिल करने  की प्रक्रिया  में इसे तरह तरह की ट्रायल  से गुज़ारा जा रहा है. इसी कवायद के तहत कल रात पहली  फाइटर जेट मिग 29 के  की   युद्धपोत आईएनएस विक्रांत पर नाइट लैंडिंग night landing करवाई गई .

रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्तमान में आईएनएस विक्रांत जल्द से जल्द ‘युद्ध के लिए तैयार’ स्थिति प्राप्त करने के लिए रोटरी विंग और फिक्स्ड विंग विमान के साथ हवाई प्रमाणन व उड़ान एकीकरण परीक्षण कर रहा है. इन परीक्षणों के हिस्से के तहत मिग-29के और स्वदेशी एलसीए (नौसेना) की पहली लैंडिंग 6 फरवरी, 2023 को हुई थी और इसके बाद से नौसेना सूची में सभी हेलीकाप्टरों के दिन और रात में लैंडिंग परीक्षणों में प्रगति हुई है.

उड्डयन परीक्षणों की रफ्तार  को जारी रखते हुए नौसेना ने 24 मई, 2023 को मिग-29के की पहली बार रात में लैंडिंग करके एक और ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की है. बयान में कहा गया है कि   पहली लैंडिंग के तीन महीने के भीतर यह चुनौतीपूर्ण उपलब्धि भारतीय नौसेना, विक्रांत चालक दल और नौसेना पायलटों के संकल्प, कौशल और पेशेवर क्षमता को प्रदर्शित करती है.

युद्धपोत आईएनएस विक्रांत ने  4 अगस्त, 2021 को अपनी पहली यात्रा के बाद व्यापक समुद्री परीक्षणों को पूरा किया.  इसका निर्माण मैसर्स कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया था .   2 सितंबर, 2022 को भारतीय नौसेना में इसे शामिल किया गया था. यह विमानवाहक पोत  ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच को प्राप्त करने को लेकर एक बड़ा प्रोत्साहन माना जा रहा  है.