यह विवाह सच में बेहद असाधारण परिस्थितियों में हुआ. मातम , ख़ुशी , फर्ज़ पूरा करने का जज़्बा और भी कितने पहलू जुड़े हैं इस शादी से जो हाल ही में उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले में हुई . यह शादी पूर्व सूबेदार देवेन्द्र सिंह की बेटी ज्योति की थी .
मथुरा के मांट गांव के 48 वर्षीय देवेन्द्र सिंह भारतीय सेना की 20 जाट रेजीमेंट में सूबेदार थे और महीना भर पहले ही स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर लौटे थे ताकि बेटी ज्योति की शादी पूरे रस्मों रिवाज़ के साथ कर सकें . वर भी कोई और नहीं मणिपुर में तैनात सेना का जवान सौरभ सिंह था जिसके पिता हवलदार सत्यवीर एक समय में देवेन्द्र सिंह के साथ तैनात रहे. उन्होंने इस दोस्ती को रिश्ते में बदलने का सपना देखा था लेकिन होनी को कुछ और ही मंज़ूर था .
शनिवार को होने वाली शादी की आखरी तैयारी चल रही थी और देवेन्द्र सिंह इसी सिलसिले में कहीं जा रहे थे जब उनकी कार मांट – राया सड़क पर खड़ी ट्रेक्टर ट्राली से जा टकराई . इस हादसे में बुरी तरह घायल देवेन्द्र सिंह और उनके रिश्ते के एक भाई उदयवीर की मौत हो गई .
देवेन्द्र सिंह के शादी वाले घर की रौनक मातम में बदल गई. ऐसे में शादी या कोई भी ऐसा कार्यक्रम होना कल्पना से भी परे कहा जा सकता है . ज्योति ने भी शादी से इनकार कर दिया .
उधर हादसे में सूबेदार देवेन्द्र सिंह की मौत की खबर मिलते ही देवेन्द्र सिंह के पूर्व कमांडिंग ऑफिसर कर्नल चंद्रकांत शर्मा ने बिना देरी के फैसला लिया . उन्होंने सूबेदार सोनवीर व मुकेश कुमार के साथ हवलदार प्रेमवीर और सिपाहियों विनोद व बेताल सिंह को पंजाब से मथुरा के लिए रवाना कर दिया था .
साथी फौजी को अंतिम बिदाई देने के साथ ही दुःख की इस घड़ी में उसके परिवार को उन्होंने हौसला तो दिया ही अजीबोगरीब परिस्थिति से भी बाहर निकाला . उन्होंने ज्योति को समझाया कि अपने पिता के उन अरमानों को पूरा करने के लिए उसे यह शादी अभी करनी चाहिए जिसके लिए देवेन्द्र सिंह पूरी शिद्दत से लगे थे. यही नहीं इन्ही सैनिकों पिता का फर्ज़ निभाते हुए कन्यादान की रस्म भी पूरी की .