डीआरडीओ ने 15 दिन में बना डाली कोविड 19 की जांच करने वाली मोबाइल लैब

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मोबाइल टेस्टिंग लैब

भारत के रक्षा एवं अनुसन्धान विकास संगठन (डीआरडीओ – DRDO) ने नोवेल कोरोना वायरस महामारी (COVID 19) की रोकथाम की कोशिशों में एक और उपलब्धि हासिल की है. रक्षा मंत्रालय के इस संस्थान ने एक ऐसी मोबाइल प्रयोगशाला विकसित की है जो एक ही दिन में 1000-2000 नमूनों की जांच कर सकती है. इतना ही नहीं ये प्रयोगशाला रिकॉर्ड समय में तैयार की गई है. आमतौर पर इसे बनाने में 6 महीने का वक्त लगता लेकिन विशेषज्ञों और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने रात दिन की कड़ी मेहनत करके इसे एक पखवाड़े में ही बना डाला.

मोबाइल टेस्टिंग लैब

रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक़ इस प्रयोगशाला यानि मोबाइल वायरोलॉजी रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक्स लेबोरेटरी (एमवीआरडीएल – MVRDL) को डीआरडीओ ने हैदराबाद के ईएसआईसी अस्पताल और निजी उद्योग के सहयोग से विकसित किया है. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिये एमवीआरडीएल का उद्घाटन किया. उन्होंने कोविड 19 संकट की घड़ी में इस जैव-सुरक्षा स्तर (बीएसएल) 2 और स्तर 3 प्रयोगशालाओं की स्थापना की जैसा अहम काम इतने रफ्तार से करने की उपलब्धि के लिए DRDO की जमकर तारीफ़ की.

मोबाइल टेस्टिंग लैब

यह ऐसी पहली मोबाइल वायरल अनुसंधान प्रयोगशाला (एमवीआरएल) है, जिससे कोविड-19 की स्क्रीनिंग और इससे संबंधित अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में तेजी आएगी. इसे DRDO की हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला रिसर्च सेंटर इमारात (आरटीआई) ने हैदराबाद के ईएसआईसी के साथ मिलकर तैयार किया है. मोबाइल वायरल रिसर्च प्रयोगशाला, एक बीएसएल 3 प्रयोगशाला और एक बीएसएल 2 प्रयोगशाला का संयोजन है जो क्रियाकलापों को पूरा करने के लिए आवश्यक है. इन प्रयोगशालाओं का निर्माण विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ – WHO) और आईसीएमआर (ICMR) जैव-सुरक्षा मानकों के अनुसार किया जा रहा है ताकि अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों का पालन हो सके. इस प्रणाली में विद्युत नियंत्रण, एलएएन, टेलीफोन केबलिंग और सीसीटीवी शामिल हैं.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि एमवीआरडीएल कोविड-19 की डायग्नोसिस और दवा स्क्रीनिंग के लिए वायरस कल्चरिंग, स्वास्थ्य लाभ से संबंधित प्लाज्मा व्युत्पन्न चिकित्सा, टीके (vaccine – वैक्सीन ) के विकास के लिए कोविड-19 रोगियों की व्यापक प्रतिरक्षा प्रोफाइलिंग और भारतीय जनसंख्या के लिए प्रारंभिक नैदानिक परीक्षण में मददगार साबित होगी. इस प्रयोगशाला को ज़रुरत के मुताबिक़ देश में कहीं भी तैनात किया जा सकता है.

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डीआरडीओ ने मेसर्स आईकॉम के योगदान को कंटेनरों के बन्दोबस्त के लिए, मेसर्स आईक्लीन के योगदान को बीएसएल 2 और बीएसएल 3 प्रयोगशालाओं का समयबद्ध तरीके से डिजाइन और निर्माण के लिए और मेसर्स हाई टेक हाइड्रॉलिक्स के योगदान को आधारभूत ढांचा मुहैया कराने के लिए मंजूरी दी है.

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिये मोबाइल वायरोलॉजी रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक्स लेबोरेटरी का उद्घाटन किया.

इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि सशस्त्र बल कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में कई तरह से योगदान कर रहे हैं – जैसे क्वारंटाइन केंद्र स्थापित करना, स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना, भारतीय नागरिकों को अन्य देशों से बाहर निकालना आदि, और ये प्रयास जारी रहेंगे. लेबोरेटरी के उद्घाटन समारोह में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी, श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार, तेलंगाना सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग, नगरपालिका प्रशासन एवं शहरी विकास मंत्री के. टी. रामा राव, तेलंगाना सरकार में श्रम मंत्री सी. एच. मल्ला रेड्डी और डीडीआरएंडडी के सचिव एवं डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी. सतेश रेड्डी मौजूद थे.