रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दावा – 10 साल में भारत का रक्षा निर्यात कई गुना बढ़ा

6
आईआईटी कानपुर के 65 वें स्थापना दिवस पर कार्यक्रम
रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह ने भारतीय युवाओं से स्वदेशी रूप से ऐसी उच्च-स्तरीय प्रौद्योगिकियों का विकास करने का आह्वान किया, जिनका देश आयात करता है. जिस गति से भारत का रक्षा निर्यात बढ़ रहा है , उसके आधार पर उन्होंने दावा किया कि अगले 6 साल में यह 50 हज़ार करोड़ रूपये तक का पहुंच जाएगा . राजनाथ सिंह आज ( 2 नवंबर, 2024)  कानपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी ) के 65वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे.
रक्षामंत्री  राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भरता हासिल करने के सरकार के प्रयास वांछित परिणाम दे रहे हैं क्योंकि रक्षा निर्यात, जो दस साल पहले सिर्फ 600 करोड़ रुपये था, वह अब वित्तीय वर्ष 2023-24 में 21,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर गया है.  उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह प्रगति जारी रहेगी और 2029-30 तक रक्षा निर्यात 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा.
 आईआईटी कानपुर (iit kanpur) ने इस समारोह के एक हिस्से के तौर पर  ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप रक्षा नवाचार पर एक विशेष कार्यक्रम की मेजबानी की.  राजनाथ सिंह ने आईआईटी कानपुर में स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी) की तरफ से  आयोजित रक्षा अनुसंधान, उत्पाद और इनक्यूबेशन शोकेस का दौरा किया. जिसमें 23 एसआईआईसी-इनक्यूबेटेड स्टार्ट-अप्स के अग्रणी समाधानों को विशेष तौर पर दर्शाया गया और स्वायत्त प्रणालियों, एआई-संचालित निगरानी तथा अगली पीढ़ी के संचार उपकरणों जैसी रक्षा प्रौद्योगिकी में प्रगति को प्रस्तुत किया गया. रक्षा मंत्री ने प्रदर्शनी स्टालों पर स्टार्टअप  संस्थापकों और अनुसंधान टीमों के साथ बातचीत की तथा राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ाने में उनके योगदान की तारीफ़ की . 

इस अवसर पर कई समझौता ज्ञापनों पर भी दस्तखत  किए गए, जिनका मकसद साझेदारी मजबूत करना है.  जिनमें सैन्य रसद और रक्षा नवाचार में प्रगति को बढ़ावा देने के लिए बीईएमएल तथा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ आईआईटी कानपुर का सहयोग व इनक्यूबेशन प्रयासों को मजबूत करने के लिए कानपुर विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी शामिल है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने छह परिवर्तनकारी डीआरडीओ परियोजनाओं के लिए स्वीकृति पत्र प्रस्तुत किए, जबकि आईडेक्स-वित्त पोषित स्टार्ट-अप हेतु सिडबी के विशेष प्रस्ताव ने आवश्यक वित्तपोषण सहायता को भी बढ़ावा दिया।

इस कार्यक्रम में देश की नवीनतम रक्षा गतिविधियां जैसे कि आईडेक्स की डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज 12 और अदिति 2.0 चैलेंज पर प्रमुख चर्चाएं भी शामिल थीं, जिससे उपस्थित लोगों को रक्षा नवाचार परिदृश्य में बहुमूल्य जानकारी मिली. राजनाथ सिंह के नेतृत्व में एक वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो प्रौद्योगिकी और रक्षा उन्नति में आईआईटी कानपुर की स्थायी विरासत तथा स्थिरता के प्रति वचनबद्धता का प्रतीक था.

समारोह में रक्षा उत्पादन सचिव  संजीव कुमार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत, आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल, एसआईआईसी के प्रभारी प्रोफेसर प्रोफेसर दीपू फिलिप, संस्थान के विद्यार्थी तथा अनेक जाने-माने पूर्व छात्र शामिल हुए.