भारतीय सीमाओं का इतिहास फिर से लिखने की तैयारी

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भारतीय सीमा

भारत की सीमाओं का इतिहास नए सिरे से लिखने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंजूरी दी है. रक्षा मंत्री श्री सिंह ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के प्रतिष्ठित व्यक्तियों, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय, अभिलेखागार महानिदेशालय, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मंगलवार को इस बारे में नई दिल्ली में एक बैठक की.

रक्षा मंत्रालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बैठक में प्रस्तावित किया गया कि नए सिरे से सीमाओं का इतिहास लिखने के काम में सीमाओं से जुड़े विभिन्न पहलुओं को समाहित किया जाए. इसमें सीमांकन और परिसीमन, बदलाव, सुरक्षा बलों की भूमिका, सीमावर्ती लोगों की भूमिका उनके जीवन के सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों को शामिल किया जाएगा. भारतीय सीमाओं के इतिहास को फिर से लिखने की इस परियोजना के दो साल के भीतर पूरा हो जाने की उम्मीद ज़ाहिर की गई है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नए सिरे से सीमाओं के इतिहास लिखने से लोगों तथा विशेष रूप से अधिकारियों को देश की सीमाओं को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी. उन्होंने इस परियोजना के संबंध में मिले विभिन्न सुझावों का स्वागत किया और अधिकारियों को इसे जल्दी पूरा करने के लिए आवश्यक स्रोत सामग्री, व्यापक संदर्भ, कार्यप्रणाली और कार्य योजना पर विशेषज्ञों से परामर्श करने का निर्देश दिया.

यह आम लोगों तथा खासतौर से सीमा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राष्ट्रीय सीमाओं के प्रति जागरूक बनाने की भी अपनी तरह की पहली परियोजना है.