रक्षा संपदा महानिदेशालय ( डीजीडीई – DGDE ) के शुक्रवार के आदेश में कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी (रक्षा मंत्रालय) के अनुमोदन के साथ ‘ प्रशासनिक अनिवार्यताओं ‘ और ‘ जनहित ‘को ध्यान में रखते हुए, वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड के आईडीईएस अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया गया है. इन अधिकारियों में 1993 बैच के आईडीईएस अधिकारी सी रविन्द्र को जम्मू स्थित उत्तरी कमान से स्थानान्तरण के तहत सौरव रे के स्थान पर दक्षिण कमान में रक्षा संपदा निदेशक के रूप में तैनात किया गया है .
सौरव रे को कोलकाता भेजा गया है जहां उनको पूर्वी कमान का रक्षा संपदा निदेशक बनाया गया है . नियमों के अनुसार आमतौर पर एक आईडीईएस अधिकारी को उसकी मौजूदा पोस्टिंग में तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के लिए तैनात किया जाता है. सौरव रे 2003 से 2016 तक कैबिनेट सचिवालय, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ – RAW ) में प्रतिनियुक्ति पर थे और अगस्त 2020 से मई 2023 तक भारत के लिए शत्रु संपत्ति के संरक्षक (custodian of enemy property) थे.
पूर्व खुफिया अधिकारी सौरव रे ने प्रमुख शत्रु संपत्तियों को मुफ्त में देने के खिलाफ सीबीआई में 21 मामले दर्ज कराए थे.
सौरव रे की छवि एक ईमानदार अधिकारी की है जिन्होंने कुख्यात आदर्श घोटाले का पर्दाफाश किया था. आदर्श सोसायटी की इमारत करगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के आश्रितों को मुंबई में फ्लैट देने के नाम पर बनाई गई थी लेकिन इसमें ज़बरदस्त फर्जीवाड़ा हुआ था . इसमें सेना के कई बड़े रिटायर्ड अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत सामने आई थी . सौरव रे रक्षा संपदा अधिकारी थे और उन्होंने आदर्श सोसायटी को सरकारी भूमि आवंटित किये जाने का विरोध किया था. सौरव रे ने 1997 में अहमदनगर छावनी में रक्षा भूमि के हस्तांतरण का विरोध किया था जिसके बाद उनका तबादला कर उन्हें श्रीनगर ( कश्मीर ) भेज दिया गया. सौरव रे ने 2016-2019 के बीच पूर्वी कमान, कोलकाता में रक्षा संपदा के निदेशक के रूप में काम किया.
महानिदेशक कार्यालय ने कार्यवाहक रक्षा संपदा अधिकारी (डीईओ) पुणे सर्कल, अमित कुमार माने को स्थानांतरित कर दिया था, जिन्होंने ₹17 करोड़ के बकाया का भुगतान न करने और लीज समाप्ति के कारण चार बंगला संपत्तियों को सील कर दिया था और कैंप के सबसे पुराने क्लब की अधिग्रहण कार्यवाही शुरू की थी.
माने को 22 जनवरी को डीजीडीई द्वारा स्थानांतरित कर दिया गया और अगले दिन उन्हें पुणे में अतिरिक्त डीईओ के रूप में बहाल कर दिया गया.