भारत चीन सीमा के पास अरुणाचल प्रदेश के उस दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में कोई चमत्कार ना हो सका. जैसा कि हालात से अंदाज़ा लगाया जा रहा था, करीब 10 दिन पहले भारतीय वायु सेना के वहां पर दुर्घटनाग्रस्त हुए मालवाहक विमान एएन -32 (AN 32) का जैसे मलबा मिला वैसे ही भारतीय वायु सेना के अधिकारियों समेत उन 13 लोगों के बेजान हो गये शरीर ही शेष मिले. उनकी तलाश में आज गये पर्वतारोहियों को विमान ए एन 32 का ब्लैक बॉक्स भी मिला. भारतीय वायु सेना के प्रवक्ता ने ट्वीट करके कहा है कि विमान में सवार कोई भी बचा नहीं है. वायुसेना ने ट्विटर के जरिए उन सभी बहादुर एयर वारियर्स को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने 3 जून 2019 को AN 32 एयरक्राफ्ट के क्रैश होने पर अपनी जिंदगी खो दी. वायुसेना ने कहा कि दुख की इस घड़ी में वह शहीदों के परिवार के साथ है.
आज सुबह 15 सदस्यीय बचाव दल AN 32 विमान के मलबे तक पहुंच गया था. मलबेकी जांच में चालकदल का कोई सदस्य जीवित नहीं मिला. बचाव दल ने सभी 13 लोगों के शव बरामद कर लिए हैं. उन्हें लाने के लिए हेलिकाप्टर का इस्तेमाल किया जाएगा. विमान का ब्लैक बाक्स भी बरामद कर लिया गया है. इस एक्सपर्ट बचाव दल को बुधवार को उस इलाके में हेलिड्राप किया गया था, जहाँ दुर्घटना होने की आशंका थी. इस विशेषज्ञ दल में एयर फोर्स के गरुड कमांडो, आर्मी के जवान और पर्वतारोही शामिल थे.
विशेषज्ञ दल को एयरलिफ्ट करके पहले AN 32 के मलबे के पास ले जाया गया और फिर उन्हें हेलिड्राप किया गया. क्योंकि AN 32 विमान का मलबा मंगलवार को सियांग जिले में देखा गया था. इसकी फोटो भी एक न्यूज एजेंसी ने जारी की थी. यह इलाका बहुत अधिक ऊंचाई पर और घने जंगलों के बीच है.
हादसे में जान गंवाने वाले एयर वारियर्स में 6 अधिकारी और 7 एयरमैन हैं. इनमें विंग कमांडर जीएम चार्ल्स, स्क्वाड्रन लीडर एच. विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर. थापा, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आशीष तंवर (29), फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस. मोहंती, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एमके गर्ग के अलावा वारंट आफिसर केके मिश्रा, सार्जेंट अनूप कुमार, कार्पोरल शेरिन, लीड एयरक्राफ्ट मैन एसके सिंह, लीड एयरक्राफ्ट मैन पंकज और गैर लडाकू कर्मचारी पुतली और राजेश कुमार शामिल हैं.