भारतीय वायु सेना के बेड़े में अब सी – 295 विमान ( C295 aircraft ) को शामिल कर लिया गया है. यह एक परिवहन विमान है जो पांच दशक से भी ज्यादा पुराने ऐव्रो विमान ई जगह लेगा . स्पेन से भारत लाये जाने के बाद सी – 295 विमान को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक औपचारिक कार्यक्रम में भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी को सौंपा. यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर आयोजित किया गया था. सी -295 को भारतीय वायु सेना की स्क्वाड्रन 11 में शामिल किया गया है . इस स्क्वाड्रन को ‘ द राइनोस’ ( the rhinos ) के नाम से भी पुकारा जाता है और यह गुजरात के वडोदरा वायुसेना अड्डे पर तैनात है .
हिंडन हवाई अड्डे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सी-295 की चाबी वायु सेना प्रमुख वी आर चौधरी को सौंपने की रस्म से पहले सर्व धर्म पूजा में हिस्सा लिया.
भारत ने सितंबर 2021 में भारतीय वायु सेना के लिए 56 सी 295 विमान खरीदने का 21 935 करोड़ रूपये का सौदा स्पेन से किया था . इस प्रक्रिया की शुरुआत मई 2013 में वैश्विक बाज़ार की फर्मों के लिए जारी रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल ( Request For Proposal) से हुई थी. रक्षा अधिग्रहण परिषद ( defence acquisition council ) ने दो साल बाद मई 2015 इन प्रस्तावों को मंजूरी दी थी .
फिलहाल 2025 तक 16 सी 295 विमान स्पेन से आएंगे . इसके बाद बाकी 40 का निर्माण गुजरात के वडोदरा में स्थापित इकाई में होगा जिसकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अक्टूबर 2022 को रखी थी . सी 295 एयर क्राफ्ट बनाने के लिए टाटा समूह की कंपनी टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड ( टी ए एस एल tasl ) के साथ करार किया गया है . यह पहला मौका है जब भारत में पहली बार निजी क्षेत्र की कोई कंपनी यहां पूरा का पूरा विमान बना रही है . भारत के इस कदम को विमान निर्माण के वैश्विक बाज़ार में दाखिल होने का बड़ा अवसर कहा जा सकता है .