हिमाचल प्रदेश के सोलन ज़िले में रविवार को एक इमारत का गिरना भारतीय सेना के लिए बड़े दुःख का कारण बन गया है. इस हादसे में सेना के तेरह जूनियर कमीशंड अधिकारियों की जान गई है. उनके अलावा जमींदोज़ हुई इमारत के मलबे से एक महिला का भी शव निकाला गया है. कई लोग इस हादसे में ज़ख़्मी हुए हैं जिनमें ज़्यादातर सैनिक ही हैं.
सोलन में नाहन-कुमारहट्टी रोड पर चार मंजिला इस इमारत में वो ढाबा था जहां रविवार को दोपहर बाद तेज़ बारिश के दौरान वहां खाना खाने के लिए सेना की ये टुकड़ी रुकी थी. रविवार को मलबे से आठ शव निकाले जा सके थे जबकि सोमवार को छह और शवों को निकाला गया. कुल मिलाकर 28 लोग इस हादसे में ज़ख़्मी हुए थे जिनमें 17 तो सैनिक ही थे. हादसा जबरदस्त बरसात के दौरान इमारत धंसने से हुआ था.
सोलन ज़िले के उपायुक्त के सी चमन ने बताया कि राहत और बचाव का काम तब तक चलता रहेगा जब तक सारा मलबा हटाया नहीं जाता. घायलों को इलाज के लिए कुमारहट्टी स्थित महर्षि मारकंडेश्वर मेडिकल कॉलेज और धर्मपुर के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया. सोलन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार ने बताया कि बचाव का काम एनडीआरएफ, पुलिस और ज़िला प्रशासन संयुक्त रूप से कर रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया गया है. मजिस्ट्रेट 15 दिन में मामले से जुड़ी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे. वहीं इमारत के मालिक पर आईपीसी की धारा 336 और 304 के तहत एफआइआर दर्ज करवाई गई है.
असम राइफल्स के ये जवान डगशाई छावनी में तैनात थे. घायल और मृतकों में आठ राज्यों असम, त्रिपुरा, हरियाणा, मणिपुर, पश्चिम बंगाल, पंजाब, बिहार और हिमाचल प्रदेश के थे.
इन जवानों की हुई मौत
नायब सूबेदार राजकिशोर, सूबेदार क्लर्क बलविंदर, सूबेदार मेजर प्रदीप, सूबेदार क्लर्क योगेश, नायब सूबेदार क्लर्क विनोद, सूबेदार कुमार चोरेई, सूबेदार बिशार सिंह, सूबेदार लालसन, सूबेदार हेंकखोमांग, सूबेदार राजेन, सूबेदार अजीत कुमार, सूबेदार सुरजीत शर्मा, नायब सूबेदार नोबिन