सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के खेमे से दो खबरें आईं हैं. एक तरफ बीएसएफ के जवान पूर्वोत्तर में सीमावर्ती राज्य में ज़रूरतमंद बीमार लोगों के लिए अपने रक्त का दान कर रहे थे वहीं जम्मू कश्मीर में उसी दौरान पाकिस्तानी दुश्मन से रक्षा में तैनात इसी के जवान शेलिंग में जान भी दे रहे थे.
बीएसएफ ने मेघालय के दोबसीपारा (तारु) में स्थानीय बैडमिन्टन क्लब के साथ मिलकर आज रक्तदान शिविर का आयोजन किया. रक्तदान दरअसल सीमाई पर्वतीय जिले साउथ गारो हिल्स के लोगों की ज़रूरत पूरा करने के लिए किया गया वहीं दूसरी तरफ रविवार सुबह से ही पाकिस्तान की तरफ अखनूर सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर ज़बरदस्त शेलिंग की गई. बिना किसी उकसावे के ये हमला अखनूर के सब सेक्टर परगवाल के रिहायशी इलाकों में होने के कारण इसकी चपेट में करीब तीस गाँव और BSF की दस चौकियां भी आईं. इसमें घायल सहायक सब इंस्पेक्टर एसएन यादव और सिपाही विजय कुमार पाण्डेय ने दम तोड़ दिया. सात नागरिक भी इस शेलिंग में जख्मी हुए हैं.
- 20 जून को थी शहीद विजय कुमार पांडेय की शादी, 5 जून से छुट्टी पर घर जाने वाला था
शहीद विजय कुमार पांडेय फतेहपुर (यूपी) के सठिगंवा गांव के रहने वाले थे. उनके पिता राजू पांडेय किसान हैं. वर्तमान में विजय की पोस्टिंग 33वीं बटालियन बीएसएफ में थी. वह जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में तैनात थे. परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार देर रात अखनूर सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से भारी गोलाबारी की गई. घटना में विजय और उनके एक साथी सत्य नारायण यादव शहीद हो गए. बीएसएफ की तरफ से देर रात विजय के परिजनों को सूचना दी गई. गांव में सूचना मिलते ही कोहराम मच गया.
विजय के परिवार में पिता के अलावा एक भाई अजय पांडेय हैं जो नगर निगम कानपुर में नौकरी करते हैं. विजय की शुरुआती पढ़ाई गांव के ही प्राइमरी विद्यालय से हुई थी. उसके बाद उन्होंने आदर्श इंटर कॉलेज सालेपुर से 12वीं की पढ़ाई पूरी की. कानपुर में डिग्री कॉलेज में इन्होंने पढ़ाई शुरू की थी उसी दौरान बीएसएफ में तैनाती हो गई. 4 जुलाई 2012 को विजय बीएसएफ में भर्ती हुए थे. विजय पांडेय की 20 जून को शादी होनी थी. 15 जून को उनका तिलक था. इसके लिए विजय की छुट्टी मंजूर हो चुकी थी. विजय 5 जून से छुट्टी पर घर जाने वाला था.
- मां को मिली पहली सूचना
घटना के बाद बीएसएफ की तरफ से फोन किया गया तो विजय की मां सविता देवी ने फोन उठाया. बेटे के शहीद होने की पहली सूचना मां को मिली. सूचना मिलते ही सविता देवी के हाथ से फोन गिरा और वह खुद रोते हुए जमीन पर बैठ गई. जिसके बाद अन्य परिजनों को घटना की जानकारी हो सकी.