दिल्ली में यूं याद किये गए नौशेरा के शेर ब्रिगेडियर उस्मान जिन्होंने पाकिस्तान को धुल चटाई थी

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भारतीय सेना की पैरा रेजीमेंट ने ब्रिगेडियर उस्मान को श्रद्धांजलि दी

लायन ऑफ़ नौशेरा ( lion of naushera ) यानि ‘नौशेरा के शेर ‘ के नाम से विख्यात  ब्रिगेडियर मोहम्मद  उस्मान को भारतीय सेना आज बड़े सम्मान के साथ याद कर रही है . महावीर चक्र से सम्मानित ब्रिगेडियर उस्मान को याद करते हुए सेना में तैनात अधिकारियों , जवानो और पूर्व सैनिकों ने दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया स्थित कब्रगाह में उनकी कब्र पर पुष्पांजलि अर्पित की. सैन्य रीति रिवाजों के मुताबिक़ कब्रगाह में सेना की पैराशूट रेजीमेंट की तरफ से सलामी की रस्म की गई. ब्रिगेडियर उस्मान पैराशूट रेजीमेंट के कर्नल भी थे. इसके पैरा कमांडो सबसे घटक और तेज तर्रार सैनिक होते हैं . इनको ख़ास तरह के सैनिक ऑपरेशन में लगाया जाता है .

ब्रिगेडियर उस्मान को याद करने दिल्ली में इकट्ठा हुए सैनिक और पूर्व सैनिक

ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान ने आज ही के दिन 3 जुलाई 1948 को शहादत पाई थी. शूरवीरता के लिए दूसरे सबसे बड़े सम्मान ‘महावीर चक्र’ से मरणोपरांत सम्मानित ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान सच्ची देशभक्ति और भारतीय सेना की उच्च श्रेणी की धर्मनिरपेक्षता की बड़ी मिसाल हैं.  ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान रणक्षेत्र में सर्वोच्च न्यौछावर करने वाले भारतीय सेना के अब तक सबसे बड़े रैंक के अधिकारी हैं.

जामिया मिलिया इस्लामिया में ब्रिगेडियर उस्मान की कब्र और स्मारक

उत्तर प्रदेश के मऊ में जन्मे ब्रिगेडियर उस्मान  ( brigadier usman ) 1935 में भारतीय सेना में तब भर्ती हुए थे जब भारत पर ब्रिटिश हुकूमत का कब्जा था. भारत के 1947 के बंटवारे के वक्त बलूच रेजीमेंट में थे और ये रेजीमेंट पाकिस्तानी सेना में चली गई थी. मोहम्मद उस्मान ने तमाम तरह के दबाव और लालच के बावजूद मातृभूमि को छोड़कर जान कबूल नहीं किया था. बल्कि पाकिस्तान के कब्जाए  इलाके को मुक्त कराने के अभियान में लगातार लगे रहे और इसमें काफी कामयाब भी रहे. ऐसे ही अभियान के दौरान जम्मू कश्मीर में  नौशेरा के युद्ध में उन्होंने पाकिस्तान को ज़बरदस्त धूल चटाई थी. इसलिए उनको नौशेरा का शेर कहा जाने लगा था. उसी दौरान 3 जुलाई 1948 को एक हमले में वे वीरगति को प्राप्त हुए. सरकार ने उनको महावीर चक्र ( मरणोपरांत ) से सम्मानित किया .

नौशेरा का शेर जिसने पाकिस्तानी सेना का चीफ बनने का जिन्नाह का ऑफर भी ठुकराया